Idana Mata Temple: राजस्थान का वो मंदिर जहां माता रानी की अग्नि देख दंग रह जाते हैं वैज्ञानिक, जानिए पूरा रहस्य
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 06:00 AM (IST)

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Idana Mata Temple: शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर जब देशभर में भक्तजन माता रानी की पूजा में लीन हैं, उसी समय राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित एक अद्भुत मंदिर लोगों की आस्था का विशेष केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर है ईडाणा माता का, जो अपने रहस्यमयी चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी एक रहस्य बना हुआ है।
कहां स्थित है यह मंदिर ?
ईडाणा माता का यह प्राचीन मंदिर उदयपुर से करीब 60–65 किलोमीटर दूर, कुराबड़-बम्बोरा मार्ग पर, अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित यह मंदिर साल भर श्रद्धालुओं से भरा रहता है।
अग्नि स्नान का चमत्कार
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है देवी की अग्नि स्नान की अद्भुत लीला। मान्यता है कि हर महीने दो से तीन बार देवी की प्रतिमा से अपने आप तेज अग्नि की ज्वाला उठती है। यह लपटें इतनी तेज होती हैं कि 10 से 20 फीट तक ऊंची उठ जाती हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि केवल माता का श्रृंगार जलता है—न तो प्रतिमा को नुकसान होता है और न ही आस-पास रखी किसी वस्तु को।
क्यों नहीं बन पाया अब तक मंदिर ?
मां का यह दरबार आज भी खुले आकाश के नीचे स्थित है। इसका कारण यह है कि जब भी मंदिर निर्माण का प्रयास किया गया, रहस्यमयी अग्नि उस ढांचे को भस्म कर देती है। कई बार निर्माण कार्य शुरू करने पर वहां अग्नि प्रकट हो जाती है और पूरा ढांचा नष्ट हो जाता है। इसी कारण आज तक यहां पक्के मंदिर का निर्माण संभव नहीं हो पाया।
भक्तों की आस्था और मान्यताएं
यहां आने वाले भक्तों की माता में अटूट श्रद्धा है। कहा जाता है कि जो भी लकवे से पीड़ित होता है, वो मां के दर्शन करने के बाद ठीक हो जाता है। संतान की कामना रखने वाले दंपत्ति यहां झूला चढ़ाते हैं। साथ ही, मन्नत पूरी होने पर भक्त त्रिशूल अर्पित कर आभार जताते हैं।
कैसे पहुंचे ?
ईडाणा माता मंदिर तक पहुंचने के लिए आप उदयपुर से कुराबड़-बम्बोरा मार्ग होते हुए सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। यह यात्रा लगभग 1.5 से 2 घंटे में पूरी होती है। विशेष अवसरों और अग्नि स्नान के समय यहां हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।