बनते-बनते बिगड़ जाती है शादी की बात तो ऐसे करें अपने मांगलिक दोष ठीक
punjabkesari.in Thursday, Nov 21, 2019 - 02:39 PM (IST)

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मांगलिक दोष, लोगों की मानें तो एक व्यक्ति की कुंडली के समस्त दोषों में से ये दोष जातक के जीवन में सबसे अधिक नकारात्मकता उत्पन्न करता है। जिस किसी की भी कुंडली में मांगलकि दोष होता है उसके जीवन में सबसे बड़ी परेशानी शादी को लेकर आती है। बता दें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली में मंगल का प्रभाव अधिक हो जाता है तब मांगलिक दोष की स्थिति पैदा होती है। जिसको ठीक करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। परंतु अधिकतर लोगों के द्वारा किए ये उपाय असफल हो जाते हैं। क्योंकि एक तो उन्हें इन उपायों के सही गलत होने का नहीं पता होता दूसरा वो इसे करते समय जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिस कारण उनकी शादी की बात बनते बनते बिगड़ जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो समझिए कि आज आपकी इस परेशानी का आख़िरी दिन हैं। जी हां ज्योतिष शास्त्र में इससे जुड़ी जानकारी के साथ साथ इसके खास उपाय भी बताएं गए हैं।
सबसे पहले बता दें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस लड़का-लड़की की कुंडली के लग्न, चतुर्थ, सप्तम, आठवें या बाहरवें भाव में मंगल दोष होता है उसे मांगलिक दोष कहा जाता है। बताया जाता है अगर मंगल का लग्न आठवें भाव में हो तो इसे बहुत ही गंभीर माना जाता है। इसी दौरान शादी होने में परेशानी आती है।
कुछ मान्यताओं के अनुसार मांगलिक लड़के की शादी केवल मांगलिक लड़की और मांगलिक लड़की की शादी मांगलिक लड़के से ही होनी चाहिए अगर ऐसा न हो तो आने वाले भविष्य में उनका वैवाहिक जीवन कठिनाइयों से भर जाता है।
अपनी कुंडली में मांगलिक दोष ठीक करने के लिए करें ये उपाय-
जिस लड़की की कुंडली में मंगर भारी हो यानि मांगलिक दोष हो तो उसे अपने जीवन में एक बार पीपल विवाह, कुंभ विवाह, शालिग्राम विवाह आदि ज़रूर करवाना चाहिए। तथा साथ ही मंगल यंत्र का पूजन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है इससे मांगलिक दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
बता दें मंगल यंत्र का उपयोग विशेष परिस्थिति में ही करना चाहिए, देरी से विवाह, संतान उत्पन्न की समस्या, तलाक, दाम्पत्य सुख में कमी एवं कोर्ट केस इत्यादि में ही इसका उपयोग करना चाहिए। किसी भी छोटे कार्य के लिए मंगल यंत्र का उपयोग करना वर्जित होता है।
ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक कुछ लोगों की कुंडली में केवल 28 वर्ष तक ही मांगलिक दोष रहता है। अगर मंगल मेष, कर्क, वृश्चिक, या मकर राशि हो तो भी सारी जिंदगी मंगल दोष नहीं रहता।
अगर किसी व्यक्ति के जन्म से उसकी कुंडली में मंगल दोष हो, परंतु शनि मंगल पर दृष्टिपात करें, तो मंगल दोष खत्म हो जाता है। मकर लग्न में मकर राशि का मंगल और सप्तम स्थान में कर्क राशि का चंद्र हो तो भी मंगल दोष खत्म हो जाता है।
इसके अलावा अगर मांगलिक व्यक्ति की कुंडली के सामने मंगल वाले स्थान को छोड़ कर दूसरे स्थानों में पाप ग्रह विराजमान हो तो ऐसी स्थिति में भी दोष खत्म हो जाता है। ऐसे जातक को मांगलिक दोष रहित ही माना जाता है। साथ ही अगर केंद्र में चंद्रमा 1,4,7 या 10 वें भाव में हो तो भी मांगलिक दोष पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।