गुरुद्वारा गुरु डांगमार साहिब मामले में सिक्किम सरकार का व्यवहार नकारात्मक: स्यालका
punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2023 - 08:31 AM (IST)

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अमृतसर (दीपक): श्री गुरु नानक देव जी से संबंधित गुरुद्वारा गुरु डांगमार साहिब के मामले में सिक्कम सरकार का व्यवहार ठीक नहीं है। अदालत के आदेश और सिक्कम के सरकार के एडवोकेट जनरल की ओर से अदालत में दिए बयान के बावजूद सरकार बनती जिम्मेदारी से भाग रही है। यह बात शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य और गुरुद्वारा गुरु डांगमार साहिब के बारे सब-कमेटी के सदस्य एडवोकेट भगवंत सिंह स्यालका ने कही।
भगवंत सिंह स्यालका ने कहा कि सिक्कम हाईकोर्ट की ओर से 27 अप्रैल 2023 को अदालत के बाहर यह मामला हल करने का आदेश किया गया था, जिसके उपरांत सरकार की जिम्मेदारी बेहद अहम थी क्योंकि अदालत ने यह आदेश सिक्किम सरकार के एडवोकेट जनरल की ओर से अदालत में दिए बयान के आधार पर किया था। उन्होंने कहा कि सरकारी एडवोकेट जनरल की ओर से अपने बयान में कहा गया था कि इस मामले को दोनों पक्ष आपसी सहमती से अदालत से बाहर बातचीत करके हल के लिए यत्नशील हैं। अदालत ने अगली तारीख 18 अगस्त 2023 निर्धारित की थी।
उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश को अमल में लाने के लिए इसके बीच सिख कौम के पक्ष से पेश हुए वकील नवीन बारिक ने 2 बार सिक्किम सरकार के एडवोकेट जनरल को लिखा परंतु उनकी ओर से इस पर कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की गई। अब जब से अदालत में 18 अगस्त को सुनवाई हुई तो सरकार के एडवोकेट जनरल ने कोई संतोषजनक जवाब पेश नहीं किया और समय मांगा। इस सुनवाई के दौरान गुरुद्वारा सिंह सभा सिलीगुड़ी और शिरोमणि कमेटी की ओर से सीनियर एडवोकेट ए.पी.एस.आहलूवालिया और नवीन बारिक ने दलील देते हुए इस ऐतिहासिक गुरुधाम से संबंधित दस्तावेज पेश किए और ऐतिहासिक संदर्भों के माध्यम से प्रामाणिकता दर्ज करवाई।
इसके साथ ही समय-समय पर भारतीय फौज की सिख और पंजाब बटालियनों की ओर से वहां लगाई गई यादगिरी मोहरों के बारे भी जानकारी दी जो आज भी वहां मौजूद हैं। अदालत को कहा गया कि समय-समय की सरकारों के प्रतिनिधि इस गुरधाम को मान्यता देते रहे हैं, जिसका एक उदहारण अक्तूबर 1983 में स्थानीय विधायक की ओर से गुरुद्वारा गुरु डांगमार साहिब की ड्योढी का नींव पत्थर रखना है। अदालत में मामले की अगली सुनवाई 1 सितम्बर को होगी। उन्होंने कहा कि सिक्किम सरकार को अदालत में पेश किए गए हलफनामे के अनुसार अपनी भूमिका अदा कर अच्छे माहौल में मामला हल करवाना चाहिए न कि एकतरफा भूमिका अदा करनी चाहिए।