वास्तु गुरु कुलदीप सलूजा- वास्तु दोषों के कारण हमेशा संघर्ष करते रहेंगे इजरायल और हमास
punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 07:02 AM (IST)

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Israel Hamas War Gaza: इजरायल की भूमि प्राचीन समय से यहूदियों का निवास स्थान था तब से ही महत्वपूर्ण रही है। 70 ईस्वी में रोमनों ने यहूदियों को उनके देश से निकाल दिया था। इसके बाद यहूदी लोग दुनिया भर में फैल गए और विभिन्न देशों में निवास करने लगे। 19वीं शताब्दी में यहूदी राष्ट्रवाद की भावना जागृत हुई और उन्होंने अपने देश की मांग शुरू की।
1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को यहूदी और अरब राज्यों में विभाजित करने का प्रस्ताव पारित किया। इज़राइल की स्थापना के बाद से ही यह क्षेत्र विवादों और संघर्षों का केंद्र बना हुआ है। इज़राइल ने कई युद्धों का सामना किया है। इसी के साथ गाजा पट्टी एक विवादित क्षेत्र है, जो भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित है। यह क्षेत्र फिलिस्तीनी लोगों का निवास स्थान है और इज़राइल के साथ इसके सीमा विवाद के कारण यह क्षेत्र अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहता है।
गाजा पट्टी का इतिहास बहुत पुराना है और यह क्षेत्र प्राचीन समय से ही महत्वपूर्ण रहा है। 1948 में इज़राइल की स्थापना के बाद गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी शरणार्थियों की संख्या बढ़ गई। 1967 में इज़राइल ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया, जो 2005 तक जारी रहा।
2007 में हमास ने गाजा पट्टी पर नियंत्रण कर लिया। हमास एक फिलिस्तीनी इस्लामी संगठन है जो गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखता है। इजराइल और हमास के बीच 7 अक्तूबर 2023 से मुख्यतः गाज़ा पट्टी और उसके आसपास सशस्त्र संघर्ष चल रहा है। इस युद्ध में दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ है लेकिन गाजा पट्टी में रहने वाले नागरिकों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इस युद्ध में सबसे ज्यादा मौतें बच्चों की हुई हैं।
आइये, इजराइल और हमास की भौगोलिक स्थिति से जानते हैं की इन दोनों के बीच संघर्ष में वास्तु की क्या भूमिका है-
इजराइल की भौगोलिक स्थिति- इजराइल के दक्षिण में रेगिस्तान है, उत्तर में नीचा है जहां जल के स्रोत है। पूर्व में अत्यन्त गहरा मृत सागर (Dead sea) है फिर क्या कहना ? इसी भौगोलिक स्थिति से इस को विश्व भर में प्रचण्ड एवं ताकतवर देश के रूप में यश मिल रहा है। दूसरी ओर उत्तर दिशा में माऊंट मेरोन है। इस कारण उत्तर दिशा ऊंची है। जिससे अन्तर्राष्ट्रीय बिरादरी में अपयश का सामना करना पड़ता है।
इसका ईशान कोण बढ़ा हुआ है जो कि वास्तु दृष्टि से शुभ होकर समृद्धि दिलाने में सहायक हो रहा है। दक्षिण दिशा Negev desert है। गाजा पट्टी के बाद दक्षिण दिशा में त्रिकोण का आकार है। वास्तु सिद्धान्त के अनुसार त्रिकोण आकार के प्लॉट पर बने मकान में रहने वालों को शत्रुओं से कष्ट होता है। व्यवसाय हो तो प्रतिद्वन्द्वी से समस्याएं होती हैं। इसी आकार के कारण इजराइल को भी फिलीस्तीन से समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
गाजा पट्टी की भौगोलिक स्थिति - गाजा पट्टी का आकार उत्तर में 10 किमी. तथा दक्षिण में 13 किमी. है, यह बढ़ाव पूर्व आग्नेय के 3 किमी. बढ़ने के कारण आ रहा है। वास्तुशास्त्र के अनुसार, पूर्व आग्नेय बढ़ने के कारण ही दो देशों में संघर्ष की स्थिति बनती है। इसी के साथ गाजा पट्टी में दक्षिण के साथ दक्षिण आग्नेय में भी बढ़ाव है इस कारण भी संघर्ष, मानसिक व्यथा और धन नष्ट होता है।
गाजा पट्टी की लम्बाई 41 किमी. है। जिसमें हल्की सी गोलाई है, एक तरफ मध्य पश्चिम के साथ मिलकर नैऋत्य की ओर बढ़ाव है, वास्तुशास्त्र के अनुसार, पश्चिम के साथ मिल कर नैऋत्य बढ़ता है तो इस कारण भारी धन नष्ट होता है। उस स्थान का शासक गलत संगत तथा गलत कामों में पैसा खर्च करता है तथा जिद्दी होता है। दूसरी तरफ पश्चिम के साथ मिलकर वायव्य बढ़ रहा है, इस कारण यह देश ताकतवर के क्रोध, अनेक चिंताओं, धन नष्ट, पुत्र नष्ट और गरीबी से पीड़ित है।
गाजा पट्टी की पश्चिम दिशा में समुद्र है, इस कारण यह स्थान धार्मिकता के लिए प्रसिद्ध है। इज़राइल और हमास के बीच शांति स्थापित करने के प्रयास जारी हैं लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है, प्रयास से हो सकता है। कुछ समय के लिए यह संघर्ष रुक जाये लेकिन दोनों देशों के वास्तुदोषों को देखते हुए लगता नहीं है इसका कोई स्थायी समाधान निकल पायेगा।
वास्तु गुरु कुलदीप सलूजा
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