गुरु पुष्य नक्षत्र के दौरान क्या करना चाहिए, जानिए यहां

punjabkesari.in Thursday, Oct 28, 2021 - 01:24 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के साथ-साथ प्रत्येक नक्षत्र का महत्व बताया गया है। इन समस्य नक्षत्रों में से एक है पुष्य नक्षत्र। ज्योतिष शास्त्री बताते हैं कि इन तमाम नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र बेहद शुभ होता है। बल्कि कहा जता है कि पुष्य नक्षत्र लगने से अशुभ घड़ी भी शुभ हो जाती है। कहा जाता है ग्रहों की विपरीत दशा के बावजूद यह योग बेरहद शक्तिशाली माना जाता है, परंत एक श्राप के चलते इस योग में विवाह नहीं करना चाहिए। 

कहा जाता है इस योग में तमाम तरह के बुरे प्रभाव अच्छे में परिवर्तित हो जाते हैं। इस योग में जो कार्य सबसे शुभ व जरूरी होती है, वो है खरीददारी। कहा जाता है कि इस शुभ योग में खरीददारी करने से व्यक्ति को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। बता दें अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं होता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस शुभ योग में देवी लक्ष्मी की साधना करने से, पीपल व शमी के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को अपनी मनोकामना के अनुसा फल प्राप्त होता है। 

 
आइए जानते हैं गुरु पुष्य नक्षत्र समय: 
28 अक्टूबर 2021 गुरुवार को गुरु पुष्य नक्षत्र का योग सुबह 09:41 से प्रारंभ होकर दूसरे दिन 29 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह 11:38 तक रहेगा।

ज्योतिष शास्त्र से जानें शुभ योग
- सर्वार्थसिद्धि योग।
- अमृतसिद्ध योग।
- रवियोग।

शुभ मुहूर्त-
- चर लाभ अमृत मुहूर्त : प्रात: 10.48 से दोपहर 3.03 तक रहेगा।
- अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:51 से दोहपर 12:26तक रहेगा.

- निशिता मुहूर्त : प्रात: 11:16 से दूसरे दिन दोपहर 12:07 तक रहेगा
- विजय मुहूर्त : दोपहर 01:34 से 02:19 तक रहेगा।
- गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:09 से 05:33 तक रहेगा।
- संध्या मुहूर्त शुभ,अमृत,चर : शाम 04.28से से 09.03 तक रहेगा।

इस शुभ योग में क्या खरीदना चाहिए- बताया जाता है इस दिन व्यक्ति को सोना, चांदी, वाहन, ज्वेलरी, मकान, प्लैट, दुकान, कपड़े, बर्तन, श्रृंगार की वस्तुएं, स्टेशनरी, मशीनरी और बहीखाता आदि खरीदना चाहिए। 

इस दिन क्या करें: ज्योतिष व धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन शिल्पकला और चित्रकला की पढ़ाई प्रारंभ करना, मंदिर निर्माण और घर निर्माण प्रारंभ करना, उपनयन संस्कार के बाद विद्याभ्यास करना, दुकान खोलना, नया व्यापार करना, निवेश आदि करना शुभ है। अपनी आस्था व श्रद्धा के साथ नवीन कार्य करने चाहिए। 


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Content Writer

Jyoti

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