आज रात आसमान में दिखाई देगा गुरु ग्रह, पूरी जानकारी के लिए Click करें
punjabkesari.in Tuesday, Jul 14, 2020 - 03:54 PM (IST)

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ज्योतिष शास्त्र व ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि कि इस बार श्रावण के पावन माह मेें मुख्य रूप से 6 ग्रह आसमान में दृश्यमान होने वाले हैं। जी हां, बताया जा रहा है 14 जुलाई यानि आज मंगलवार से लेकर 20 जुलाई, अगले सोमवार तक बड़ी खगोलीय घटनाएं घटित होने वाली हैं। खगोल विज्ञान के लिहाज़ से देखएं तो ये 6 दिन बहुत ही खास माने जाने वाले हैं। आप सोच रहें होंगी कि इस दौरान ऐसा क्या होने वाला जो आने वाले दिनों की विशेषता बढ़ गई है। तो बता दें दरअसल आज की, 14 जुलाईको सूर्य और गुरु के बीच पृथ्वी आ जाएगी, जिसे खगोल विज्ञान के हिसाब से जुपिटर एट अपोजिशन के नाम से जाना जाएगा। इनकी मानें तो इससे पहले ये घटना लगभग 20 साल पहले यानि सन् 2000 में हुई थी, जो अब भविष्य में 2040 में होगी। इससे ये बात तो साफ़ होती है कि अगर आप ने इन 06 दिनों में इस दृश्य को देख पाने का मौका अपना हाथ से खो दिया को आपको आने वाले 20 साल इंतज़ार करना होगा।
ज्योतिष की दृष्टि ग्रहों का संयोजन में बेहद खास माना जा रहा है। बता दें कि 14 जुलाई को दोपहर 1 बजकर 16 मिनट के बाद के बाद गुरु यानि बृहस्पति, पृथ्वी और सूर्य, ये तीनों ग्रह 1 लाइन में होंगे और पृथ्वी इन दो ग्रहों के बीच में होगी। शाम को सूर्य अस्त हो रहा होगा, तब 7 बजकर 43 पर पूर्व दिशा में जुपिटर यानि बृहस्पति उदित दिखाई देगा। इसके बाद रात में 12 बजकर 28 मिनट पर गुरु ग्रह पृथ्वी के सबसे पास होगा। उसके बाद 15 जुलाई की सुबह 5 बजकर 9 मिनट पर ये ग्रह दिखना बंद हो जाएगा। अगले दिन 16 जुलाई की सुबह सूर्य और प्लूटो की बीच पृथ्वी आ जाएगी। इस दिन सुबह 7 बजकर 47 मिनट पर ये घटना देखी जा सकेगी। जब तीनों ग्रह एक लाइन में होंगे, इसके बाद 20 जुलाई की रात सेटर्न एट अपोजिशन होगा। यानि की 20-21 जुलाई की मध्यरात्रि में 3 बजकर 44 मिनट पर सूर्य और शनि ग्रह के बीच पृथ्वी एक सीध में आ जाएगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें 2000 में भी गुरु और शनि की ये स्थिति बनी थी, उस समय 19 नवंबर को सेटर्न एट अपोजिशन की घटना हुई थी और 28 नवंबर को जुपिटर एट अपोजिशन हुआ था। तब इन घटनाओं में 9 दिनों का अंतर था। आगे 2040 में ये घटनाएं फिर से होंगी। बताया जाता है जब पृथ्वी किसी अन्य ग्रह और सूर्य के बीच एक सीधी रेखा में आ जाती है तो इसे अपोजिशन कहते हैं। पृथ्वी 365 दिन में सूर्य की परिक्रमा करती है और इस एक साल में सभी ग्रहों के साथ पृथ्वी की ऐसी स्थिति बनती है। लेकिन, सिर्फ सात दिनों में तीन ग्रह गुरु, शनि और प्लूटो के साथ ये स्थिति बनना दुर्लभ संयोग है।
इसके अलावा ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि शाम को सूर्यास्त के बाद पूर्व क्षितिज पर धनु राशि में बृहस्पति उदय हो रहे हैं। इसके एक राशि के अंतराल पर क्रमश:शनि, चंद्र, मंगल एवं शुक्र उदय होकर पूरी रात आकाश मंडल में शोभायमान रहेंगे। सबसे खास बात यह है कि ये सभी ग्रह बिना किसी दूरबीन के आसमान में देखे जा सकेंगे। प्रात: सूर्य उदय होंगे। यानि इस पक्ष छह ग्रह उदित रहेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान बुध अधिकतर सूर्य के पास ही रहते हैं, लेकिन यह दिखाई नहीं देंगे।
इसके प्रभाव की बात करें तो जब ये सभी ग्रह उदित होते हैं तो विश्व में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है, साथ ही साथ रोग एवं दरिद्रता का विनाश होता है। तो कहीं न कहीं ये माना जा रहा है कि कोरोना का प्रभाव कम हो सकता है। इसके अलावा भारत की स्वतंत्र काल की कुंडली के अनुसार देश का विश्व में वर्चस्व बढ़ेगा। भारत अपनी सीमाओं में बढ़ोतरी कर सकता है और शत्रु देश भारत की उन्नति पर हतप्रभ रह जाएंगे।