Gupt Navratri 2021: ऋषि श्रंगी से बताया था गुप्त नवरात्रि में देवी पूजा का महत्व

punjabkesari.in Sunday, Jul 11, 2021 - 12:59 PM (IST)

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आज यानी 11 जुलाई आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो चुका है। शारदीय नवरात्रों की तरह इन दिनों में भी देवी की आराधना की जाती है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रों में व्यक्ति तांत्रिक व सात्विक दोनों ही तरह की पूजा संपन्न कर सकता है। खास तौर पर इन दिनों में मां काली की 10 महाविद्याओं की आराधना करने का विधान है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक नवरात्रि को देवी मां की विभिन्न महाविद्याओं की दिन के अनुसार कथा की जाती है। बता दे इस दौरान मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चिन्मस्तिका, त्रिपुर सुंदरी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। खास तौर पर कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि के पहले दिन कथा का वाचन एवं श्रवण करना लाभदायक माना जाता है पुरानी आपको बताते हैं गुप्त नवरात्रि से जुड़ी हुई पौराणिक कथा-

धार्मिक शास्त्रों में उल्लेखित कथाओं के अनुसार एक समय ऋषि श्रृंगी भक्तजनों को दर्शन दे रहे थे। तब भक्तों की भीड़ में से एक स्त्री उनके सामने आई और कर पद होकर ऋषि से बोली मेरे पति दुर्ग व्यसनों से सदा गिरे रहते हैं जिस कारण में कोई पूजा पाठ संपन्न नहीं कर पाती, न ही धर्म और भक्ति से जुड़े किसी पावन कार्यों का संपादन कर पाती हूं, यहां तक कि  ऋषियों व ब्राह्मणों को उनके हिस्से का भी समर्थन करना मेरे भाग्य में नहीं है।

मेरे पति मांसाहारी बुधवारी है जिस कारण वह कोई भी पूजा पाठ नहीं करते परंतु मैं देवी दुर्गा की सेवा करना चाहती हूं उनकी भक्ति साधना से अपना और अपने परिवार का जीवन खुशहाल व सुखद बनाना चाहती हूं। उस महिला की बातें सुनकर ऋषि श्रृंगी ने उसे आदर पूर्वक इसका उपाय बताते हुए कहा कि वासंतिक और शारदीय नवरात्रों से तो आम जनमानस अच्छे से परिचित है परंतु इसके अतिरिक्त तो ऐसे भी नवरात्र होते हैं जिनके बारे में लोग कम जानते हैं पूर्णिया में इन्हें गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।

जिस तरह शादी नवरात्रों में नौ देवियों की उपासना होती है ठीक वैसे ही गुप्त नवरात्रों में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार इन नवरात्रों की प्रमुख देवी सर्वैश्वर्यकारिणी देवी कहलाती हैं। जो व्यक्ति इन नवरात्रों में माता दुर्गा की पूजा साधना करता है उसके जीवन को सफल हो जाती है।

इतना ही नहीं आगे ऋषि श्रृंगी ने उस महिला से कहा कि लोभी, कामी, व्यस्नी, मांसाहारी अथवा पूजा-पाठ ना करने वाला व्यक्ति यदि इन नवरात्रों में माता की पूजा करता है तो उसे अपने जीवन में कुछ और करने की आवश्यकता नहीं रहती।

जिस सिंगी के इन वचनों को सुनकर उस स्त्री ने श्रद्धा पूर्वक गुप्त नवरात्रि की पूजा की जिसके परिणाम स्वरूप मां दुर्गा प्रसन्न हुई और उसके जीवन को खुशहाली व सुख शांति से भर दिया इतना ही नहीं उसका पति गलत कार्य को छोड़ सही कार्यों की ओर अक्षर को नहीं लगा और उस महिला का जीवन मां की आराधना करने से पुन: संवर गया।


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Content Writer

Jyoti

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