Varanasi Naag Koop: काशी का रहस्यमयी कुंड, जहां पूजा मात्र से मिटता है कालसर्प दोष
punjabkesari.in Saturday, May 03, 2025 - 07:21 AM (IST)

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Varanasi Naag Koop: महादेव की प्रिय काशी न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी आध्यात्मिकता, पवित्रता और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। इसे पृथ्वी के सबसे पहली नगरी कहा जाता है । मान्यता है कि यह नगर स्वयं भगवान शिव के त्रिशूल पर टिका हुआ हैइसलिए इसे कोई नष्ट नहीं कर सकता। काशी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही गंगा नदी में स्नान और काशी विश्वनाथ के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि काशी में एक और रहस्यमयी स्थान है, जिसे नागकूप कहा जाता है ?
क्या है नागकूप की पौराणिक मान्यता ?
स्कंद पुराण में वर्णन मिलता है कि नागकूप का सीधा संबंध पाताल लोक और नाग लोक से है। इस कूप के अंदर एक शिवलिंग भी स्थित है, जिसका दर्शन बहुत दुर्लभ माना जाता है। यही कारण है कि साल में केवल एक ही दिन नाग पंचमी पर इस कूप को दर्शन के लिए खोला जाता है। इस दिन दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और दूध से पूजन करते हैं।
कालसर्प दोष से मुक्ति का विशेष स्थान
जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष या राहु-केतु दोष होता है, उनके लिए नागकूप का दर्शन अत्यंत फलदायी माना गया है। मान्यता है कि यदि कोई जातक नाग पंचमी के दिन विधिपूर्वक यहां दर्शन कर पूजा करता है, तो उसे इन दोषों से मुक्ति मिल सकती है। इससे जीवन में चल रही बाधाएं दूर होती हैं और भाग्य का साथ मिलने लगता है।
वास्तु दोष व संतान सुख के लिए भी है लाभकारी
नागकूप से जुड़ी एक और मान्यता यह भी है कि इसका जल अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। यदि इस जल को घर में छिड़का जाए, तो घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। वास्तु दोष से परेशान लोग विशेष रूप से इस जल को घर में लाकर उपयोग करते हैं। साथ ही जिन दंपतियों को संतान प्राप्ति में कठिनाई हो रही हो, उनके लिए भी नागकूप की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। सही विधि और विश्वास के साथ की गई पूजा संतान सुख का मार्ग खोल सकती है।