Vastu: नए घर में प्रवेश करने से पहले ज़रूर पढ़ लें ये बातें
punjabkesari.in Monday, May 09, 2022 - 02:07 PM (IST)
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हमारी वेबसाइट को रोज़ाना पढ़ने वाले लोग इतना तो जान ही चुके हैं कि वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में कितना महत्व है। तो वहीं लगातार अपने वेबसाइट पर हम वास्तु शास्त्र से जुड़ी बहुत से जानकारी देते आ रहे हैं, इस कड़ी में हमने आपको घर के लिए प्लॉट लेने तक से घर के निर्माण कार्य से जुड़ी सारी जानकारी दी है। इसी बीच अब हम आपतो बताने जा रहे हैं नए घर में प्रवेश करने से संबंधित वास्तु टिप्स।
न केवल वास्तु शास्त्र में बल्कि धार्मिक शास्त्रों में भी गृहप्रवेश का अधिक महत्व बताया जाता है। हिंदू धर्म में तो इसे मंदिर की संज्ञा दी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि नए घर में कभी भी बिना पूजा पाठ व गृह प्रवेश की पूजा के बिना प्रेवश नहीं करना चाहिए। तो वहीं वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि नए घर में प्रवेश करने से पहले ग्रह शांति की पूजा जरूर कर लेनी चाहिए। मान्यताओं के अनुसार दशो दिगपाल, रक्षपाल, ग्राम देवता और स्थान देवता की पूजा करके ही नूतन घर में प्रवेश करना चाहिए। माना जाता है कि जो व्यक्ति गृह प्रवेश करके नए घर में प्रवेश करता है तभी देवी लक्ष्मी का वास होता है। तो आइए जानते हैं गृह प्रवेश से जुड़ी विशेष बातें-
गृहप्रवेश के समय इन विशेष बातों का ध्यान रखें-
वास्तु व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति को नए घर में शुभ मुहूर्त में ही गृह प्रवेश संबंधी पूजा का प्रारंभ और अंत करना चाहिए।
वास्तु के मुताबिक नए घर में प्रवेश करने से पहले उसे फूल या फूल मालाओं आदि से सुसज्जित करके मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का वंदनवार बनाकर सजाना चाहिए।
विभिन्न वास्तु विशेषज्ञों के मुताबिक नए घर के ईशान कोण पर पूजा के लिए आवश्यकता अनुसार चौकी स्थापित करके उस पर नवग्रह, दसो दिगपाल, रक्षपाल, ग्राम देवता, स्थान देवता आदि को विधिवत स्थान देकर गृहस्वामी को गृहस्वामिनी के साथ पूजन करना लाभदायक माना जाता है।
गृह प्रवेश करने से पहले मुख्य द्वार पर दोनों ओर जल भरे कलश पर दीपक जलाकर रखें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुहागिनों के साथ कन्या और गाय की पूजा करके, दायां पैर पहले अंदर करके प्रवेश करना चाहिए।
घर के मुख्य द्वार के बाद रसोईघर की पूजा करना चाहिए। ध्यान रहे सबसे पहले रसोई घर में सर्वप्रथम दूध उबालना या दूध से जुड़ा पकवान बनाएं, ऐसा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसीलिए संभव हो तो इस दिन सबसे पहले चूल्हे पर खीर बनाएं, खीर न बना सके तो कोई और मिष्ठान भी बना सकते हैं।
इसके बाद गृहस्वामी गृहप्रवेश की पूजा के उपरांत सत्यनारायण व्रत कथा को पढ़े या जरूर सुनें। तथा विधि विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करके ही खुद प्रसाद ग्रहण करें।
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