Vastu Tips: वास्तु के अनुसार ये रंग मेन गेट पर लगाना है भारी भूल, आप भी करें परहेज
punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 08:39 AM (IST)

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Vastu Tips: मकान या ऑफिस का मेन गेट वास्तु शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे मुख्य द्वार भी कहा जाता है क्योंकि यह वह द्वार होता है जिससे परिवार या संगठन के सदस्यों का प्रवेश होता है। वास्तु के अनुसार, मेन गेट का रंग, दिशा, और डिज़ाइन आपके घर या कार्यस्थल की समृद्धि, स्वास्थ्य, और समग्र ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालता है। खासतौर पर, गहरे रंगों के प्रयोग को लेकर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं और आपके जीवन में असंतुलन ला सकते हैं।
मेन गेट का वास्तु में महत्व
मेन गेट घर या ऑफिस की मुख्य ऊर्जा प्रवेश द्वार है। इसे ऊर्जा का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है, जहां से सकारात्मक ऊर्जा आती है और नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है। इसलिए, मेन गेट का स्थान, आकार, और रंग बहुत सोच-समझकर चुनना चाहिए। अगर मेन गेट गलत दिशा में हो या उसका रंग गलत हो, तो यह घर की सुख-समृद्धि में बाधा बन सकता है।
न इस्तेमाल करें गहरे रंग
गहरे रंग जैसे काला, गहरा नीला, गहरा लाल, गहरा भूरा आदि, वास्तु शास्त्र में भारी, स्थिर और अवशोषित ऊर्जा के साथ जुड़े होते हैं। ये रंग मन को भारी, दबाव महसूस कराते हैं और वातावरण में तनाव पैदा कर सकते हैं। इसीलिए, इन्हें मेन गेट पर लगाने से बचना चाहिए।
क्यों न लगाएं गहरे रंग मेन गेट पर ?
नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश:
गहरे रंग ऊर्जा को अवशोषित करते हैं और इस वजह से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है। मेन गेट पर गहरे रंग होने से घर में खुशहाली की जगह चिंता, तनाव, और विवाद आ सकते हैं।
मानसिक तनाव और अस्थिरता:
गहरे रंग मन को भारी और उदास कर सकते हैं। इसका प्रभाव पूरे परिवार की मानसिक शांति पर पड़ता है। इसके कारण घर में लोग अस्थिर, चिड़चिड़े और निराश महसूस कर सकते हैं।
धन और समृद्धि पर प्रभाव:
वास्तु के अनुसार, मेन गेट पर गहरे रंग लगाने से धन-संपत्ति की वृद्धि रुक सकती है। घर में आर्थिक समस्याएँ बढ़ सकती हैं क्योंकि गेट पर गहरे रंग की वजह से ऊर्जा प्रवाह बाधित हो जाता है।
स्वास्थ्य समस्याएं:
गहरे रंग की वजह से घर में ऊर्जा का प्रवाह अवरुद्ध होता है, जिससे पारिवारिक सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। विशेष रूप से मानसिक और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।