Vastu Tips : जान लें भोजन करने का सही तरीका, नहीं तो रूठ जाएंगी लक्ष्मी
punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 01:06 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vastu Tips: भोजन हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है। माना गया है ये केवल पेट भरने या भूख मिटाने का साधन नहीं है, बल्कि ये हमारे शरीर, मन और आत्मा को पोषण देने का भी माध्यम माना गया है। सनातन धर्म में भोजन को बहुत ही पवित्र माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जैसे भोजन हम ग्रहण करते है, वैसा ही प्रभाव हमारे शरीर और मन पर पड़ता है।
वास्तु शास्त्र और आयुर्वेद में भी भोजन करने की दिशा का विशेष रूप से वर्णन किया गया है और किस दिशा में बैठकर भोजन करने से क्या और कैसा असर होता है इसका भी वर्णन शास्त्रों में मिलता है। सही दिशा में बैठकर भोजन करने से न केवल पाचन क्रिया बेहतर होती है, बल्कि स्वास्थ्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भोजन करते समय मुख किस दिशा में होना चाहिए? क्या कोई विशेष दिशा हमारे स्वास्थ्य, समृद्धि और मानसिक शांति के लिए ज्यादा अनुकूल होती है? भोजन करने की सही दिशा कौन-सी होती है और इसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। साथ ही, विभिन्न दिशाओं में भोजन करने के क्या लाभ और हानि हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं भोजन करने की सही दिशा के बारे में-
पूर्व दिशा को वास्तु शास्त्र में सबसे शुभ और साकारात्क दिशा माना गया है। पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य देव माने जाते है जिन्हें प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। बता दें कि पूर्व दिशा की ओर मुख करके खाना खाने से जीवन को कई तरह के लाभ मिलते है। इस दिशा की ओर भोजन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति बनी रहती है साथ ही बुद्धि का भी विकास होता है। पूर्व दिशा के बाद जिस दिशा को सबसे शुभ माना गया है वे है उत्तर दिशा। उत्तर दिशा के स्वामी भगवान कुबेर है जिन्हें धन का देवता कहा गया है बता दें कि इस दिशा की ओर मुख करके भोजन ग्रहण करने से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है और मन और मस्तिष्क शांत रहता है।
बाकि की दो दिशाओं यानि के दक्षिण और पश्चिम दिशा की तो इन दोनों को भी भोजन करने के लिए अशुभ माना गया है। दक्षिण दिशा की ओर भोजन करना सबसे ज्यादा अशुभ माना जाता है क्योंकि इस दिशा को मृत्यु और नकारात्मकता की दिशा कहा जाता है। ये दिशा यम की दिशा भी मानी जाती है और वास्तु की माने तो इस दिशा में खाना खाने से उम्र घटती है और जीवन में दुर्भाग्य भी बढ़ता है। वहीं बात करें पश्चिम दिशा की तो ये दिशा शनि ओर राहु से जुड़ी है और माना जाता है कि इस दिशा की तरफ भोजन करने से कर्ज़ बढ़ता है और घर में भी कंगाली फैलती है। कभी भी जूते चप्पल पहन कर भोजन नहीं करना चाहिए इसे भोजन का अपमान माना जाता है, बिस्तर पर बैठकर भोजन करने से लक्ष्मी रूठ जाती है और ऐसा करने वाले व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। टूटे फूटे बर्तनों में भी भोजन नहीं करना चाहिए। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि भोजन हमेशा नहा कर और हाथ पैर धोकर कर करना चाहिए। इससे मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती है साथ ही माता लक्ष्मी की भी कृपा होती है। साथ ही घर-परिवार में भी खुशहाली और सुख-शांति बनी रहती है।