घर में लक्ष्मी को Invite करने के लिए गणेश जयंती पर करें ये काम

punjabkesari.in Friday, Feb 04, 2022 - 09:15 AM (IST)

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Ganesh Jayanti shubh muhurat: मंगलकर्ता विघ्नहर्ता मंगलमूर्ती भगवान श्री गणेश जी के जन्मोत्सव को ही श्री गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है। सनातन धर्म के अनुसार गणेश जी का जन्म भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। हिन्दू पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी की तिथि 4 फरवरी 2022 को प्रातः 4 बजकर 40 मिन्ट से आरम्भ होगी और अगले दिन 5 फरवरी 2022 को प्रातः 3 बजकर 49 मिन्ट पर समाप्त होगी। शुक्रवार को पड़ने वाले इस महा उत्सव पर गणपति बप्पा की विधि-विधान से पूजा-अर्चणा की जाती है ताकि गणपति जी की कृपा हम सभी पर बनी रहे। हमारे जीवन में चल रहे सभी संकटों को बप्पा हर लें। 

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मंत्र- ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश। ग्लौम गणपति, ऋदिध पति, सिदिध पति। मेरे कर दूर कलेश ।। 

इस मंत्र का जाप करने से गणपति भगवान अति शीध्र ही भक्तों की पुकार को सुनते हैं क्योंकि यह मंत्र गणेश जी को अति प्रिय है। देव आत्माओं की प्रिय स्तुतियों का जाप व उनके प्रिय मोदक के भोग से उनको की गई पुकार अति शीघ्र स्वीकार हो जाती है। 

Vastu ganesha: वास्तुविज्ञान का भी सीधा संबंध भगवान गणेश जी से संबंधित कुछ चीजों के साथ माना जाता है। अगर आप इन वस्तुओं का प्रयोग करते हैं तो आप पर गणेश जी के साथ-साथ माता लक्ष्मी जी की भी कृपा हो जाती है। अगर आप इस दिन गणपति जी की ऐसी प्रतिमा स्थापित करते हैं, जिसमें कि गणेश जी, माता लक्ष्मी एवं गायत्री देवी की प्रतिमा विराजमान अवस्था में हो तो वो आपको आशा से अधिक शुभ लाभ देगी। माता लक्ष्मी और गणेश जी को माता व पुत्र के रूप में भी देखा जाता है, जिस कारण दीपावली पर भी इन दोनों का पूजन किया जाता है। ऐसी प्रतिमाओं को स्थापित करने एवं पूजन करने से इन सभी की कृपा प्राप्त होती है। जिससे कि ज्ञान, धन, सुखों की प्राप्ति एवं संकटों से मुक्ति मिलती है। 

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Vastu idols for home: उत्तर दिशा के स्वामी एवं माता लक्ष्मी जी के खजांची श्री कुबेर महाराज की प्रतिमा या तस्वीर को भी घर की उत्तर दिशा या मंदिर की उत्तर दिशा में स्थापित करनी चाहिए। ऐसा करने से उनकी कृपा से लक्ष्मी प्राप्ति के मार्ग में आने वाली परेशानियों से निजात मिलने में सहायता प्राप्त होती है।

मंदिर में एक सफेद धातु की बांसुरी स्थापित करने से घर के सदस्यों का आपसी व्यवहार मधुर बना रहता है। रिश्तों की कड़वाहट भी दूर होती है। जिस घर में शांति स्थापित रहती है, वहां पर लक्ष्मी की कभी भी कमी नहीं रहती। 

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

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Content Writer

Niyati Bhandari

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