दुर्गा पूजा के पावन पंडाल, विशेष उत्साह अब की साल, दर्शन-पूजन करने अवश्य पहुंचें
punjabkesari.in Sunday, Oct 02, 2022 - 12:22 PM (IST)
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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): नवरात्र के अवसर पर राजधानी में उत्सव का माहौल है। नवरात्री के अवसर पर दुर्गा पूजा के लिए सजाए पंडालों की रौनक देखने लायक है। यहां हम आपको बता रहे हैं दिल्ली के ऐसे दुर्गापूजा पंडाल, जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए।
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काली मंदिर, मिंटो रोड
मिंटो रोड काली मंदिर ने अपने अस्तित्व के 82 वें वर्ष में आयोजन समिति मिंटो रोड पूजा समिति (1940 में शहर के कुछ बंगाली निवासियों द्वारा स्थापित) के साथ दिल्ली के सबसे पुराने दुर्गा पूजाओं में से एक की मेजबानी कर रहा है। बंगाल के शांति निकेतन के कलाकारों द्वारा पंडाल में मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ये सभी मूर्तियां रेत से बनी है और शोलापीठ नामक सामग्री पर हाथ से अलंकरण बनाया जाता है।
कालीबारी मंदिर, मंदिर मार्ग
मंदिर मार्ग काली बारी मंदिर 1931 में बना और दिल्ली के सबसे पुराने और भव्य पूजा पंडालों में से एक है। आयोजन समिति के पहले अध्यक्ष सुभाष चंद्र बोस थे। यहां पश्चिम बंगाल के संगीतकार पूजा में शामिल होने के लिए आते रहते हैं।
चितरंजन पार्क
चितरंजन पार्क में दुर्गा पूजा उत्सव का एक प्रमुख स्थल है। इस क्षेत्र में जाम लगता है, आप पैदल अंदर जा सकते है। इस वर्ष लगभग आठ पंडाल स्थापित किए गए हैं - के ब्लॉक, बी ब्लॉक, डी ब्लॉक, ई ब्लॉक, पॉकेट 40, पॉकेट 52, शिव मंदिर और मेला मैदान (उन सभी में सबसे बड़ा और सबसे लोकप्रिय)। मेला ग्र्राउंड समिति केअनुसार वह हर दिन 50,000 से 60,000 लोगों के आने की उम्मीद करती हैं।
सफदरजंग एन्क्लेव
मातृ मंदिर, सफदरजंग एन्क्लेव, ब्लॉक बी2 में थीम वाला एक अन्य पंडाल है। पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ में रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय की तर्ज पर बनाया गया यहां का पंडाल 57 वर्षों से एक ही स्थान पर आयोजित किया जाता है। यहां पंडाल में नृत्य का दृश्य आपके मन को मोह लेगा। इसके साथ ही खान-पान की भी बेहतरीन व्यवस्था है।
आराम बाग
रामकृष्ण आश्रम मेट्रो स्टेशन के निकट स्थित आराम बाग क्षेत्र में दुर्गा पूजा अत्यंत पारंपरिक ढंग से की जाती है। यहां पर रहने वाले बंगाली समुदाय के लोग पूरे नौ दिन मां की विशेष अर्चना-पूजा करते हैं। हाथ में धुएं की थाल से आरती की जाती है।
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