दीपावली पर इस साल बन रहा बेहद शुभ मुहूर्तः पं. जोशी
punjabkesari.in Thursday, Nov 09, 2023 - 10:03 AM (IST)

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जैतो (रघुनंदन पराशर): दीपावली का त्योहार भारत वर्ष में 5 दिनों तक मनाया जाता है। जो 10 नवंबर धनतेरस से शुरू होकर 15 नवंबर भाई दूज पर समाप्त होता है। दीपावली के इन 5 दिनों में लोग माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरह के अनुष्ठान करते हैं। धनतेरस के दिन सोना-चांदी या अन्य सामान खरीदने पर सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। दीपावली पर्व को लेकर ये जानकारी सनातन धर्म प्रचारक प्रसिद्ध विद्वान ब्रह्मऋषि पं. पूरन चंद्र जोशी ने दी।
Diwali shubh muhurat दिवाली शुभ मुहूर्त: इस साल दीपावली का पवित्र त्योहार 12 नवंबर दिन रविवार को मनाया जाएगा। अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 2:45 बजे से शुरू होगी और 13 नवंबर दोपहर 2:57 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। दीपावली पर इस बार पूजा के लिये शाम 5ः27 बजे से साढ़े चार घंटे रात 10ः30 बजे तक लगातार बहुत शुभ उत्तम मुहूर्त है।
Choti Diwali छोटी दीवाली: धनतेरस शुक्रवार 10 नवंबर को मनाया जाएगा। नरक-चतुर्दशी छोटी-दीवाली/शनिवार 11 नवम्बर को होगी। जोशी जी ने बताया कि 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। जिसे आम भाषा में छोटी दीवाली के नाम से जाना जाता है।
Lakshmi Puja/Diwali लक्ष्मी पूजा/दीपावली- रविवार 12 नवंबर को मनायी जायेगी।
Govardhan puja गोवर्धन पूजा- सोमवार 13 नवंबर को मनाई जाएगी।
Bhai Dooj भाई दूज- मंगलवार 14 नवंबर को मनाया जाएगा।
Shubh muhurat of Panch Mahotsav पंच महोत्सव का शुभ मुहूर्त: 12 नवम्बर (शुभ का चौघड़िया) शाम 5ः27 बजे से शाम 7ः08 बजे तक उसके बाद (अमृत का चौघड़िया) रात 8ः49 बजे तक रहेगा। उसके बाद (चर का चौघड़िया) रात 10ः30 बजे तक होगा। जो पूजा के कार्य हेतु शुभ है। यह लगातार साड़े चार घंटे का समय श्री गणेश, लक्ष्मी जी मां सरस्वती का पूजन बही खाता पूजन दीप प्रज्वलित करने को बहुत ही शुभ मुहूर्त हैं।
निशीथ काल रात-8ः09 बजे से रात 10ः51 बजे तक रहेगा। निशीथ काल में (मिथुन-कर्क) लग्न और (अमृत-चर) का चौघड़िया का समावेश रहेगा।
इस बार (प्रदोष काल) भी शाम 5ः27 बजे से रात 8ः09 बजे तक रहेगा। महां निशीथ काल रात्रि में 10ः51 बजे से (अर्द्ध रात्रि) 1ः33 बजे तक रहेगा अर्थात शाम 5ः27 बजे से रात 10ः30 बजे तक आप बहुत उत्तम मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं।
Diwali Puja Vidhi दिवाली पूजा विधि: पं. जोशी के अनुसार दीपावली की पूजा हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए। इस दौरान सबसे पहले कलश पर तिलक लगाकर पूजा की शुरुआत करें। हाथ में अक्षत और फूल लेकर मां लक्ष्मी और गणेश जी का ध्यान करें। फूल और अक्षत को गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा पर अर्पित करें। फिर रोली, चंदन, अक्षत, माला, पहनाकर भगवान का ध्यान करें। उनके सामने खिल-खिलौने, बताशे, फल, मिठाई रखें और पूरा परिवार साथ मिलकर गणेश जी और लक्ष्मी जी की कथा सुने और फिर आरती करें।
Offer these offerings to Lord Ganesha and Mother Lakshmi on Diwali गणेश जी और माता लक्ष्मी को दीपावली पर ये भोग चढ़ाएं-
लक्ष्मी जी को मखाना, सिंघाड़े, बताशे, हलवा, खीर, अनार, पान के पत्ते, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान जरूर अर्पित किए जाने चाहिए। दीपावली के दिन ये चीजें लक्ष्मी जी को चढ़ाने से घर में सुख-शांति आती है और मां लक्ष्मी अपना आशीर्वाद हमेशा बनाए रखती है। इसके अलावा गणपति जी और मां लक्ष्मी को घर में बनाई हुई गुजिया, पपड़ी, अनरसा और लड्डू का भोग भी लगाया जाना चाहिए।
Do these things to attract Goddess Lakshmi on Diwali दीपावली पर लक्ष्मी को आकर्षित करने के लिए करें ये काम: टूटी-फूटी वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर घर के सकारात्मक वातावरण को भी प्रभावित करती हैं। दीपावली के शुभ दिन पर घर में किसी भी प्रकार की टूटी-फूटी या क्षतिग्रस्त वस्तु रखना अशुभ माना जाता है। ऐसी वस्तुओं के घर में होने से ही व्यक्ति को धन हानि और तनाव हो सकता है।
दीपावली के दिन ही घर के अंदर कूड़ा इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। इसलिए घर के अंदर कूड़ेदान रखने की भी मनाही है। दिवाली से पहले ही घर के सभी कचरे का निपटान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। घर के अंदर कूड़ादान रखने से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है। दीपावली के दिन पुराने झाड़ू को हटाकर घर में नई झाड़ू लाएं। पुरानी झाड़ू नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है। जिससे घर की साफ-सफाई और स्वच्छता प्रभावित हो सकती है इसलिए दीपावली के दिन घर से पुरानी झाड़ू हटाकर नई झाड़ू रखनी चाहिए।