वृष लगन- Stock Market में करोड़पति बनाने वाले योग

punjabkesari.in Saturday, Aug 02, 2025 - 11:26 AM (IST)

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Stock Market Astrology: यदि आपकी कुंडली में जो प्लेट्री पोजीशन बताने जा रहा हूं वैसी प्लरी पोजीशन नहीं है, तो आपको बाजार में ट्रेड नहीं करना चाहिए या आपको स्पेकुलेट नहीं करना चाहिए। यहां पर यदि वह आपका कॉम्बिनेशन वह बनता है तो डेफिनेटली आपको बाजार में ट्रेड करना चाहिए और बाजार में आपको अच्छी कमाई हो सकती है। यह आपके सामने वृषभ लग्न की पत्रिका है। सबसे पहली कंडीशन बाजार में काम करने की यह होती है कि आपका चंद्रमा अच्छी स्थिति में होना चाहिए। अब चंद्रमा अच्छी स्थिति में तब होता है जब आपका चंद्रमा सूर्य से कम से कम 100° दूर पर हो। यदि हम बड़े निवेशकों की बात करते हैं, वारेन बफे या दिवंगत राकेश झुंझुनवाला की बात करते हैं तो दोनों की कुंडली में सूर्य और चंद्रमा की पोजीशन जो है, वो काफी अच्छी थी। एक की कुंडली में चंद्रमा की पोजीशन 99° दूर थी। शायद ये आपके जो है वो वारेन बफेल ही थे और राकेश झुंझुनवाला जी की कुंडली में चंद्रमा और सूर्य की पोजीशन 130° दूर थी। तो दोनों की कुंडली में चंद्रमा बहुत मजबूत स्थिति में था।  चंद्रमा आपका अच्छा होना चाहिए। चंद्रमा इसलिए क्योंकि चंद्रमा मन का कारक होता है। बाजार में जब हम काम करते हैं तो ग्रीड एंड फियर के शिकार जल्दी हो जाते हैं। यदि आपका चंद्रमा अच्छा है, तो आप डरेंगे भी नहीं और आप जो है लालच में भी जल्दी नहीं फसेंगे। यह दोनों स्थितियों से आपको आपका चंद्रमा बचाता है।

आपकी वृषभ लग्न की पत्रिका है और चंद्रमा उच्च का होकर आपकी राशि में बैठा है यानी कि लग्न में ही बैठा है और सूर्य आपका छह राशि में बैठा है, तो यहां पर डिस्टेंस 120° से ज्यादा हो जाएगा या 120° भी हो सकता है। यदि आपका सूर्य आपके नाइंथ हाउस में बैठा है या  मकर राशि में बैठा है तो वहां पर भी आपकी स्थिति जो है वह अच्छी हो जाएगी। अगर मकर राशि में नहीं भी बैठा दो राशि की पत्रिका है। सिंह राशि में ही सूर्य बैठा है तो भी यह संभावना है बहुत ज्यादा कि चंद्रमा और सूर्य की जो डिस्टेंस है वो अच्छा रहेगा। यदि कुंभ राशि का सूर्य भी होगा तो भी वह फोर्थ हाउस में केंद्र में आ जाएगा। तो भी मान सकते हैं कि वह 100 डिग्री के आसपास का डिस्टेंस हो सकता है। यह तो स्थिति ठीक है। लेकिन यदि आपका चंद्रमा 12 भाव में है या दूसरे भाव में है तो एक क्षीण चंद्रमा हो जाएगा। तो क्षीण चंद्रमा वालों को थोड़ा सा बाजार से दूर रहना चाहिए। सेबी कहता है कि 90% जो निवेशक हैं जो फ्यूचर एंड ऑप्शन में पैसा गवा कर निकलते हैं। यह ऐसे ही निवेशक हैं जिनका चंद्रमा खराब होता है। चंद्रमा ही मन का कारक होता है। सारा कुछ मन से ही होता है। तो चंद्रमा यदि खराब है तो आप सौदा जल्दी काट देंगे। प्रॉफिट में प्रॉफिट भी पूरा नहीं ले पाएंगे और लॉस जल्दी बुक कर लेंगे। तो सबसे पहले तो यह देखिए यदि आपका लग्न वृषभ है तो आपका चंद्रमा और सूर्य का डिस्टेंस कितना है?

दूसरा जो वृषभ लग्न है उसके लिए गुरु आप बुध आपके धन भाव के स्वामी हो जाएंगे। अब वारेन बफे और राकेश झुंझुनवाला दोनों की पत्रिका में एक सिमिलरिटी थी कि दोनों ने बुध की दशा में ट्रेड शुरू किया था। बुध जो है वह ट्रेड के कारक हैं। बुध इंटेलिजेंस के कारक हैं। बुध बुद्धि के कारक हैं। वृषभ लग्न के जातकों के लिए बुध दूसरे भाव यानी कि धन भाव के स्वामी हो जाते हैं और पंचम भाव जो ईजी गेन का भाव होता है उसके भी स्वामी हो जाते हैं। इसका मतलब यह है कि आपका बुध भी अच्छी पोजीशन में होना चाहिए। अब चंद्रमा के साथ बुध भी बुध की भी पोजीशन चेक करेंगे। कहीं आपका बुध अस्त तो नहीं है। कहीं आपका बुध राहु केतु एक्सिस में तो नहीं है। कहीं आपका बुध आठवें 12व या छठे में तो नहीं पड़ा। छठे में तो खैर कालपुरुष की कुंडली में नीच उच्च का हो जाता है। लेकिन इसके बावजूद यदि आपका बुध खराब पोजीशन में पड़ा हुआ है। राहु केतु एक्सिस में है। अस्त स्थिति में है। 6, 8, 12 में पड़ा हुआ है तो भी आपको परेशानी आएगी बाजार में काम करने में। तीसरा प्लनेट आपके लिए बनता है गुरु। गुरु कि आय स्थान का भी कारक होता है, धन स्थान का भी कारक होता है। 11वां भाव जो है वह आय का भाव होता है। वृषभ लग्न की यदि हम पत्रिका बनाएंगे तो गुरु की मीन राशि आपके 11वें भाव में आएगी। उस हिसाब से वह 11वें का स्वामी भी हो जाएगा। जैसे बुध पंचम का स्वामी हो जाएगा न गुरु आपके लिए 11वें का स्वामी हो जाएगा। गुरु की पोजीशन आपके लिए बहुत अच्छी होनी चाहिए। यदि गुरु की पोजीशन आपके लिए अच्छी नहीं है तो आपको जो है वह बाजार में फायदा नहीं हो पाएगा।

अब यदि आपकी कुंडली में 12वां भाव पीड़ित हो गया जो स्पेकुलेशन का भाव होता है जो फ्यूचर एंड ऑप्शन का काम करते हैं। 12वें भाव के ऊपर पाप प्रभाव आ जाए। 12वें भाव में शनि बैठा हुआ है और आपका जो मंगल है वो पंचम में बैठकर 12वें भाव को देख रहा है आठवीं दृष्टि से या छठे में बैठकर 12वें भाव को देख रहा है आठवीं दृष्टि से तो वो भाव जो है वह दो पाप ग्रहों से पीड़ित हो जाएगा। एक पाप ग्रह का प्रभाव आ जाए किसी भी भाव पर तो कोई न कोई दिक्कत नहीं है। कहीं से भी आ जाएगा क्योंकि पांच ग्रह नेगेटिव हैं। सूर्य जो है वह पाप ग्रह हैं। मंगल पाप ग्रह है। राहु केतु पाप ग्रह है। शनि पाप ग्रह हैं। शनि की तीन दृष्टियां हैं। तीन सात 10 राहु केतु पांच-पांच सात और नौ से देखते हैं। आपका सूर्य की एक एक दृष्टि है। मंगल आपके जो है वो 4, 7, आठ से देखते हैं। तो इन पांचों ग्रहों में से कोई न कोई एक भाव एक ग्रह आपके 12वें भाव को देख लेगा। यदि  एक से ज्यादा ग्रह उसको प्रभावित कर रहे हैं या वहां पर कंजक्शन ऐसी हो गई है तो शनि मंगल ही बैठ गए 12वें भाव में तो भी आप स्पेकुलेशन नहीं कर पाएंगे। स्पेकुलेशन से आपको दूर रहना चाहिए यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन अच्छी है तो आप निवेश करिए। बुध की पोजीशन अच्छी है गुरु की पोजीशन में  तो आप निवेश करिए निवेश कर सकते हैं।

बहुत सारी बहुत सारे निवेशकों की कुंडली में यह देखने में आता है कि उन्होंने स्टॉक्स ले लिए 5 साल पहले स्टॉक लिए और अच्छी कंपनी में अपनी तरफ से ले लिए। लेकिन बाद में पता चला कि उस कंपनी के डायरेक्टर के ऊपर कोई ना कोई लिटिगेशन हो गई या कहीं न कहीं कंपनी किसी ऐसे लिटिगेशन में फंस गई या उस कंपनी को लेकर सरकार ने कोई ऐसी पॉलिसी चेंज कर दी कि व्यक्ति ने जिस जो इन्वेस्टर है जिस लेवल पर शेयर खरीदा उस लेवल से 30-40% नीचे आ गया या वो क्रैक हो गया। ऐसी स्थिति में निवेशक भी फंस जाता है। यदि गुरु की स्थिति अच्छी नहीं है क्योंकि गुरु धन के कारक है। गुरु आय के कारक है। आप यदि निवेश करना चाहते हैं बाजार में तो यह दो चीजें जरूर चेक करिए। यदि इंट्राडे में काम करना चाहते हैं तो आप निश्चित तौर पर अपना चंद्रमा जरूर चेक करिए। 12वां भाव और पंचम भाव जरूर चेक करिए। यदि यह चीजें आपकी कुंडली में बनती हैं। यह कॉम्बिनेशन आपकी कुंडली में बनते हैं तो बाजार आपके लिए है। यदि नहीं बनते तो बाजार आपके लिए नहीं है। आपको इसमें नहीं घुसना चाहिए। आप जबरदस्ती घुसेंगे तो आप नुकसान करवा के निकलेंगे। यदि कुंडली में चंद्रमा अच्छी पोजीशन में है। गुरु अच्छी पोजीशन में है। आय भाव, धन भाव का स्वामी अच्छी पोजीशन में है। आपका 12वां भाव अच्छी पोजीशन में है और पंचम अच्छी पोजीशन में है। इनमें से यदि पांच फैक्टर भी काम करते हैं तो आप बाजार में काम करिए। यदि इनमें से कोई फैक्टर काम नहीं करते या भाव ही पीड़ित हो गए हैं या भावेश पीड़ित हो गया, कारक पीड़ित हो गया है, गुरु पीड़ित हो गया है तो आप बाजार में मत आइए। बाजार आपके लिए नहीं है। आपको बाजार से नुकसान हो जाएगा। 

जब दोनों बड़े निवेशकों की कुंडली को एनालाइज करते हैं तो बहुत सारी चीजें समझ में आती हैं।  यदि आपका लग्न वृषभ है, आपकी स्थिति ऐसी है, प्लरी पोजीशन ऐसी है तो आप काम कर सकते हैं। अब  तीन प्लनेट होते हैं जहां से पैसा आता है। चंद्रमा आपका लिक्विड मनी का कारक होता है। मन का भी वह कारक होता है। गुरु धन का कारक है, आय का कारक है। यानी कि जो पैसा आप जोड़ लेते हैं वह गुरु से ही आता है। जो एममेंस मनी होता है बहुत ज्यादा पैसा आ जाता है वह आपका शुक्र से आता है। यदि आपकी कुंडली में शुक्र अच्छी पोजीशन में है। शुक्र आपका जो है वो राशि स्वामी लग्न का स्वामी होकर 12, 11, जाकर बैठ गया यानी कि उच्च का हो गया। आय स्थान में बैठ गया। गुरु के भाव में बैठ गया और गुरु आपका पंचम भाव में बैठ गया। यहां पर गुरु और बुध का गुरु और शुक्र का सीधा दृष्टि संबंध बन जाएगा। तो यह स्थिति आपके लिए बहुत ज्यादा बड़े पैसे के लिए एक पर बंद कर देगी।  चंद्रमा भी वहां पर आकर शुक्र के साथ हो जाए। राशि का स्वामी लग्न का स्वामी  शुक्र जो है वो आपके 11वें भाव में बैठा है और चंद्रमा भी मीन राशि का हो गया और उसके ऊपर  शुक्र की दृष्टि आ जाए सॉरी गुरु की दृष्टि आ जाए पंचम में बैठ के या गुरु आपका सप्तम में आ जाए उसके ऊपर गुरु गुरु की दृष्टि आ जाए तो यह स्थिति भी आपके लिए बहुत ज्यादा जो है वह पैसे लाने वाली हो जाएगी।  यदि आप आपके चार्ट में ऐसी स्थिति बनती है और आपका पंचम अच्छा है, आय स्थान अच्छा है, धन स्थान अच्छा है, चंद्रमा अच्छा है तो बाजार में निश्चित तौर पर काम करना चाहिए। अदरवाइज बाजार में आपको काम करने से अवॉयड करना चाहिए।

नरेश कुमार
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Content Editor

Sarita Thapa

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