Dharmraj Chitragupta Mandir: जहां मौत बनती है मुक्ति, भक्तों की अनोखी प्रार्थना सुनता है ये मंदिर
punjabkesari.in Sunday, Aug 17, 2025 - 03:57 PM (IST)
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Dharmraj Chitragupta Mandir: उज्जैन, जिसे शिव की नगरी कहा जाता है अपने धार्मिक महत्व और प्राचीन मंदिरों के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहां हर गली, हर मंदिर और हर धड़कन में भगवान शिव की उपस्थिति महसूस होती है। आम तौर पर मंदिरों में लोग लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-शांति की कामना करते हैं लेकिन उज्जैन में एक ऐसा अनोखा मंदिर भी है, जहां लोग जीवन नहीं, बल्कि मृत्यु की कामना लेकर आते हैं।
जी हां, सुनने में यह बात अजीब लग सकती है लेकिन उज्जैन का यह मंदिर उन भक्तों के लिए एक विशेष स्थान है जो जीवन के कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हैं और मोक्ष की तलाश में हैं। यहां की मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने नाम का दीया इस मंदिर में जलाता है, तो उसे अगले 24 घंटे के अंदर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
यह परंपरा न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद गूढ़ भी है। यहां आने वाले अधिकतर श्रद्धालु वे होते हैं, जो या तो असाध्य रोगों से पीड़ित होते हैं, या फिर ऐसे मानसिक और शारीरिक कष्टों से जूझ रहे होते हैं जिनसे उन्हें राहत की कोई उम्मीद नहीं होती। वे यहां शरीर की नहीं, आत्मा की मुक्ति मांगते हैं। इस मंदिर में दीया जलाने की प्रक्रिया भी विशेष होती है। व्यक्ति को अपने नाम से दीया जलाना होता है और उस समय विशेष मंत्रोच्चार तथा पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस क्रिया के साथ ही आत्मा मृत्यु के लिए तैयार हो जाती है और भगवान शिव की कृपा से उसे पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।
शिप्रा नदी के पवित्र तट, रामघाट पर स्थित है उज्जैन का एक विशेष मंदिर – धर्मराज और चित्रगुप्त मंदिर। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी एक अनोखा स्थान है। यहां दोनों देवताओं, धर्मराज (जो यमराज के रूप माने जाते हैं) और उनके सचिव चित्रगुप्त की स्थापना है। यह स्थान श्रद्धालुओं के बीच गहरी आस्था का केंद्र है और यहां प्रतिदिन सैकड़ों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं, विशेषकर शाम के समय।
इस मंदिर की मान्यता इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती है। आमतौर पर लोग मंदिरों में सुख, समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करते हैं, लेकिन इस मंदिर में कुछ श्रद्धालु मोक्ष या शांति की प्रार्थना लेकर भी आते हैं। खासकर वे लोग जो गंभीर बीमारियों या असहनीय शारीरिक पीड़ा से जूझ रहे होते हैं और जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे होते हैं।
