Dhanteras Shubh Muhurat 2025: धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने के हैं ये 3 खास मुहूर्त
punjabkesari.in Saturday, Oct 18, 2025 - 06:42 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Dhanteras Shopping Muhurat 2025: धनतेरस (या धनत्रयोदशी) दिवाली पर्व की शुरुआत का पर्व है, जो देवी लक्ष्मी, कुबेर महाराज और भगवान धन्वंतरि की उपासना से जुड़ा है। इस दिन सोना-चांदी, धातु बर्तन आदि खरीदने को अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस तिथि पर इन देवताओं का स्मरण करने से धन-दौलत, घर की समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
Dhanteras Shubh Muhurat 2025: 2025 में धनतेरस 18 अक्टूबर (शनिवार) को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि प्रारंभ दोपहर 12:18 बजे और समाप्त अगले दिन दोपहर 1:51 बजे होगी।
3 auspicious times to buy gold and silver on Dhanteras धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने के 3 शुभ मुहूर्त
सुबह 08:50 बजे से 10:33 बजे तक दिन आरंभ में सकारात्मक ऊर्जा होती है, खरीदारी शुभ मानी जा सकती है।
सुबह 11:43 बजे से 12:28 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त की तरह मध्य दिन का समय शुभ संयोग लेकर आएगा।
शाम 07:16 बजे से 08:20 बजे तक प्रातःकालीन अंधेरा, प्रदोष व स्थिर लग्न में ये समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
धनतेरस पूजा मुहूर्त एवं विधि
पूजा का समय मुख्य रूप से प्रदोष काल के दौरान होना चाहिए। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद प्रारंभ होता है और लगभग 2–3 घंटे तक रहता है। 2025 में पूजा मुहूर्त 07:16 बजे से 08:20 बजे तक है।
धनतेरस पूजा विधि
स्नान व शुद्धिकरण के बाद घर साफ करें, पूजा स्थल पर साफ-सफाई रखें।
घर के मुख्य द्वार या पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी की पगदंडी बनाएं (चावल + हल्दी)।
भगवान गणेश की स्थापना करें व वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा। मंत्र से आरंभ करें।
भगवान कुबेर को धन कुबेर मंत्र से पूजें ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा आदि।
माता लक्ष्मी की स्थापना करें, उन्हें फूल, अक्षत, द्रव्य, दीप आदि अर्पित करें।
पूजा के अंत में आरती करें और खरीदे गए सोना-चांदी व धातु बर्तन देवी को अर्पित करें।
यमदीप (यमराज को दीपदान) करना न भूलें, रात्रि में इसके माध्यम से मृत्यु व विपत्ति से सुरक्षा होती है।
धनतेरस महत्व, लाभ व उपाय
धन व सुख की वृद्धि: इस दिन सोना, चांदी, धातु बर्तन आदि खरीदने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर-धन में वृद्धि होती है।
स्वास्थ्य व आयु: भगवान धन्वंतरि की पूजा से रोग-प्रतिरोधक शक्ति व स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
विपत्ति से रक्षा: यमदीप से यमराज को संतुष्ट किया जाता है और आकस्मिक मृत्यु या विपदाओं से रक्षा मानी जाती है।
नई शुरुआत: नए उपकरण, बर्तन, वाहन आदि खरीदने के लिए यह समय शुभ माना जाता है।
धार्मिक शास्त्र मान्यता: पुराणों में बताया गया है कि इस तिथि पर देवी लक्ष्मी, कुबेर और भगवान धन्वंतरि अपनी कृपा दृष्टि डालते हैं।