Dhanteras 2024: त्रिपुष्कर योग में मनाया जाएगा धनतेरस, जानें क्या है इस बार खास
punjabkesari.in Friday, Oct 25, 2024 - 08:35 AM (IST)
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Dhanteras 2024: धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि को देवताओं के वैद्य धन्वंतरि सागर मंथन से प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस को धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाता है, जिसमें शाम को भगवान शिव की पूजा करते हैं तो वहीं दीपावली के शुभ पर्व की त्योहार की शुरूआत भी इसी दिन से होती है। इस दिन नया बर्तन खरीदने का विधान है। कहते हैं इस दिन नया बर्तन घर में लाने से धन के भंडार भरे रहते हैं। इसके अलावा लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी, आभूषण, वाहन, मकान, दुकान धनिया, झाड़ू, नमक, आदि खरीदते हैं। इस बार का धनतेरस बेहद शुभ मुहूर्त में पड़ रहा है। इस साल धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार इस योग में जो भी कार्य किया जाता है, उसका तीन गुना फल प्राप्त होता है। ऐसे में इस बार अपनी कमाई को 3 गुना करने का खास मौका है। साल 2024 में धनतेरस कब पड़ रहा है, इसका शुभ मुहूर्त, शुभ योग का समय, खरीदारी का उत्तम समय और पूजन विधि तो आईए जानते हैं...
पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर मंगलवार को है।
Dhanteras Shopping Muhurat: इस दिन खरीदारी के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कौन से हैं, जानते हैं
वैदिक पंचांग के अनुसार धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है, इस योग में खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। ये योग 29 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 10 बजकर 30 मिनट पर होगा। इस योग में की गई खरीदारी करने से चीजों में तीन गुणा वृद्धि होती है।
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इसके अलावा सनातन धर्म में अभिजीत मुहूर्त को भी बेहद खास माना जाता है। धनतेरस के शुभ पर्व पर इस समय खरीदारी करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। 29 अक्टूबर को ये मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस बीच भी आप खरीदारी कर सकते हैं।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन नया बर्तन खरीदने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है यानि कि मां लक्ष्मी का वास होता है।मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वंतरि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। माना जाता है जो भी इंसान घर में नया बर्तन लाता है उसके घर में सौभाग्य, वैभव और स्वास्थ्य लाभ होता है। इस दिन धन के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, धनतेरस के दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाना शुभ होता है। कहते हैं कि एक दिन दूत ने यमराज से बातों ही बातों में प्रश्न किया कि क्या अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है ? इस प्रश्न के उत्तर में यमराज में कहा कि व्यक्ति धनतेरस की शाम यम के नाम का दीपक दक्षिण दिशा में रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इसी मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन लोग दक्षिण दिशा की ओर दीपक जलाते हैं।
धनतेरस पर प्रदोष काल का समय शाम को 5 बजकर 38 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक है। उस दिन वृषभ काल का समय शाम 6 बजकर 13 मिनट से रात 8 बजकर 27 मिनट तक है। यह मुहूर्त देश की राजधानी नई दिल्ली के आधार पर है।
29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन पूजा के लिए आपको केवल 1 घंटा 41 मिनट का ही शुभ मुहूर्त मिलेगा। धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक है।
Dhanteras pujan vidhi धनतेरस की पूजन विधि
धनतेरस के दिन शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें।
मां लक्ष्मी व गणेश की भी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
फिर दीप प्रज्वलित करें और विधिवत पूजन करना आरंभ करें।
तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें।
कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं।
पूजा के दौरान 'ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः' इस मंत्र का जाप करते रहें।
भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें।
अब अंत में गलती की क्षमा मांगते हुए हाथ जोड़कर प्रणाम करें।