Death से जुड़े ये Facts क्या आप जानते हैं?
punjabkesari.in Saturday, May 28, 2022 - 03:10 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जीवन और मृत्यु परम सत्य है, परंंतु जब से कोरोना बीमारी ने देश में एंट्री ली तब से हर किसी के मन में मौत को लेकर एक डर समाया हुआ है। कहते हैं कोई नहीं जानता कि कब किसकी मृत्यु कब होगी परंतु अगर ज्योतिष के लिहाज से देखें तो ग्रहों की दशा से ये अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आपकी मृत्यु कब और कैसे होने वाली है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति की कुंडली में 6 वां, 8 वां और 12 वां घर रोग और शारीरिक कष्ट और मृत्यु से संबंधित होता है। इन्हीं से व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन मृत्यु के बारे में पता किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कुंडली के इन योगों में कौनसे ग्रह होते हैं जो मौत का कारक बनते हैं।
सबसे पहले तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि व्यक्ति की कुंडली में मंगल 5 वें सूर्य 7 वें और शनि अपनी नीच राशि मेष में है तो ऐसे व्यक्ति की मृत्यु 70 वर्ष की उम्र में होने की आशंका रहती है।
बता दें कि ज्योतिषशास्त्र में पाप ग्रह मंगल, शनि, राहु-केतु और सूर्य को माना गया है। अगर कुंडली का 8वां भाव पाप ग्रह युक्त है तो इस स्थिति में व्यक्ति की मृत्यु कष्टकारक होने की संभावना होती है। लेकिन अगर 8वां घर शुभ ग्रह से युक्त हैं तो व्यक्ति बिना किसी रोग के होती है।
इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में लग्न में चंद्रमा होता है और क्षीण सूर्य 8वें घर में स्थित होता है, तो लग्न से 12 वें घर में गुरु और सुखभाव यानी चौथे घर में पापग्रह हैं तो जातक की मृत्यु दुर्घटना से होने की आशंका रहती है।
तो वहीं अगर व्यक्ति की कुंडली में लग्न से 8 वें या त्रिकोण स्थान पर सूर्य, शनि, चंद्र और मंगल है तो ऐसे व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना या फिर किसी दिवार से टकाराकर होने की आशंका होती है। इसी तरह कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि अगर कुंडली में कमजोर चंद्रमा 8वें घर में होता है तो इस स्थिति में शनि बलवान हो जाता है, ऐसे में आंखों की समस्या से मृत्यु होने की संभावना होती है।
ज्योतिष के अनुसार जिस जातक की कुंडली के 8वें घर में जो ग्रह सबसे बलवान दिखता है, उसकी मृत्यु उस ग्रह के धातु के प्रकोप से होने की आशंका रहती है। जैसे सूर्य अष्टम भाव में है तो अग्नि से, चंद्रमा है तो जल से, मंगल है तो आयुध से, बुध है तो बुखार से, बृहस्पति है तो कफ से, शुक्र है तो क्षुधा और शनि है तो तृषा रोग से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।