Kundli Tv- गंडमूल नक्षत्रों में जन्म लेने वाले बच्चे, Lucky या Unlucky

punjabkesari.in Friday, Nov 23, 2018 - 05:16 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
बच्चे के जन्म के पश्चात सर्वप्रथम लोग यही देखते हैं कि बच्चे का जन्म गंडमूलों में तो नहीं हुआ है? अगर यह मालूम चले कि गंडमूलों में जन्म हुआ है तो अक्सर परिवार के सभी सदस्य घबरा जाते हैं क्योंकि मूलों में जन्म शुभ नहीं माना जाता। क्या कारण है कि मूल नक्षत्रों में जन्म लेने वाला बच्चा माता-पिता, भाई-बहनों, मामा, रिश्तेदारों आदि के लिए शुभ नहीं होता? एेसा नहीं है, कुछ मूल नक्षत्रों में अगर जन्म हो जाए तो वह शुभ भी होता है। अंधविश्वास के कारण और सही ज्ञान न होने की वजह से लोग गंडमूल के नाम से घबरा जाते हैं, जबकि सत्य कुछ और है। 

PunjabKesari
27 नक्षत्रों में से 6 नक्षत्र ज्येष्ठा, आश्लेषा, रेवती, मूल, मघा और अश्विनी नक्षत्र गंडमूल नक्षत्र होते हैं। अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती इन तीनों गंड का स्वामी बुध होता है और मघा, मूल तथा अश्विनी का स्वामी केतु होता है। 

PunjabKesari
राशि और नक्षत्र की जब एक ही स्थान पर संधि होती है तो गंडमूल नक्षत्र का निर्माण होता है। जैसे कर्क राशि और आश्लेषा नक्षत्र की समाप्ति एक साथ होती है और सिंह राशि का समापन और मघा राशि का प्रारंभ एक साथ होता है तो अश्लेषा गंड संज्ञक और मघा मूल संज्ञक नक्षत्र बन जाता है। 


इसी प्रकार वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र एक साथ समाप्त हो रहे हों और धनु राशि तथा मूल नक्षत्र का प्रारंभ हो रहा हो तो ज्येष्ठा गंड और मूल, मूल नक्षत्र बन जाता है। मीन राशि और रेवती नक्षत्र एक साथ समाप्त हो रहे हों और मेष राशि एवं अश्विनी नक्षत्र का आरंभ हो रहा हो तो रेवती गंड और अश्विनी मूल नक्षत्र बन जाता है। 

PunjabKesari
गंडमूल नक्षत्रों का निर्माण अक्सर राशि और नक्षत्र की संधि पर बनता है, संधि पर कोई भी कार्य शुभ नहीं होता जैसे दिन और रात्रि की अगर संधि हो तो शाम बनती है, रात्रि और दिन की संधि सुबह बनती है, इसीलिए संधि के समय प्रभु का भजन, पूजा-अर्चना आदि करनी चाहिए तभी प्रतिदिन संधि के समय सुबह और शाम को भगवान की आरती, वंदना, पूजा-पाठ आदि किया जाता है। 


मुहूर्त चिंतामणि के आधार पर आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन व माघ में गंड का वास स्वर्ग में, श्रावण कार्तिक चैत्र और पौष मास में गंड का वास पृथ्वी (मृत्युलोक) और ज्येष्ठा, वैशाख मार्गशीर्ष और फाल्गुन मासों में गंड का वास पाताल अथवा नरक होता है। जिस मूल का वास जिस लोक में होता है उसका अनिष्ट करता है इसलिए पृथ्वी पर वास होने से अनिष्ट की प्राप्ति होती है। 

PunjabKesari
गंडमूल नक्षत्रों के अंदर चरण होते हैं, इसी प्रकार प्रत्येक नक्षत्र में 4 चरण होते हैं जिसके अनुसार जिस चरण में बालक का जन्म होता है उसी के अनुसार उसका फल होता है। कुछ गंडमूल नक्षत्र के चरणों में जन्म लेने वाला बच्चा अशुभ होता है तो कुछ में शुभता प्रदान करता है। 


जैसे रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण में अगर बालक का जन्म हो तो- सुखमय जीवन व्यतीत करता है, सरकारी अधिकारी अथवा कर्मचारी बनता है। रेवती नक्षत्र का दूसरा चरण-अपने बुद्धि, बल और मेहनत से उच्च अधिकारी बनता है। 


रेवती नक्षत्र का तीसरा चरण-धन-सम्पत्ति प्रचुर मात्रा में अर्जित करवाता है परन्तु धन हानि भी साथ में करेगा। रेवती नक्षत्र का चतुर्थ चरण-स्वयं और माता-पिता के लिए कष्टदायक होता है। 

PunjabKesari
अश्विनी के प्रथम चरण में अगर बालक का जन्म हो तो-पिता के लिए कष्टदायक, अश्विनी का दूसरा चरण-खर्चीला, अधिक पैसा बर्बाद करने वाला। अश्विनी का तीसरा चरण सरकारी क्षेत्रों में लाभ और घूमने-फिरने का शौकीन। अश्विनी का चतुर्थ चरण-राज सम्मान मिलता है परन्तु शरीर के लिए कष्टदायक होता है। 


आश्लेषा के प्रथम चरण में जन्म होने से- सुख प्राप्त होता है। आश्लेषा का दूसरा चरण-पैतृक सम्पत्ति की हानि, भाई-बहनों को कष्ट देता है। आश्लेषा का तीसरा चरण-बालक, माता और सास के लिए कष्टदायक। आश्लेषा का चतुर्थ चरण-धन का नाश और पिता को कष्ट। 


गंडमूल के मघा नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म लेने से- माता को कष्ट। मघा का दूसरा चरण- जातक पिता के लिए ठीक नहीं होता। मघा नक्षत्र का तीसरा चरण शुभदायक होता है। मघा का चतुर्थ चरण- विद्या की प्राप्ति, धन लाभ और उच्च नौकरी का द्योतक है। 


ज्येष्ठा का प्रथम चरण है- बड़े भाई-बहनों के लिए कष्ट, दूसरा चरण- छोटे भाई-बहनों के लिए, तीसरा चरण-मां और नानी मां तथा चतुर्थ चरण-स्वयं के लिए ही कष्टदायक होता है। 

PunjabKesari
मूल नक्षत्र के प्रथम चरण में अगर जन्म हो तो- पिता के लिए शुभ नहीं होता, पिता को कष्ट देता है। मूल का दूसरा चरण- माता के लिए, तीसरा चरण-धन की बर्बादी और चतुर्थ चरण-सुखपूर्वक जीवन जीने का द्योतक होता है। 
कार्तिक पूर्णिमा 2018 : इस विधि से करें पूजा-पाठ (VIDEO)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News