महान लेखक चार्ल्स डिकंस की ये कथा, आपकी आशाओं के दीपक को करेगी रोशन

punjabkesari.in Sunday, Oct 29, 2023 - 09:41 AM (IST)

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गरीब परिवार में जन्मे अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक चार्ल्स डिकंस बचपन से ही निबंध लिखने के बड़े शौकीन थे। उनके घर में हर चीज का अभाव था। भीषण गरीबी में भी उनके पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए स्कूल भेजा। हालांकि वह चार वर्ष तक ही पढ़ सके क्योंकि उनके पिता ने उन्हें पढ़ाने के लिए जो कर्ज लिया था पर इतना बढ़ गया कि कठिन परिश्रम करने के बाद भी वह चुका नहीं पाए। इसके चलते उन्हें जेल हो गई। घर में अब कमाने वाला कोई नहीं रहा।

PunjabKesari Charles Dickens

परिणामस्वरूप चार्ल्स को पढ़ाई छोड़नी पड़ी तथा उन्हें लंदन की एक अंधेरी कोठरी में स्थित किसी छोटे से कारखाने में लेबल चिपकाने का काम करना पड़ा। रात को सबके सो जाने पर वह निबंध लिखते और तहखाने में छिपा देते ताकि उसे पढ़कर कोई उनका मजाक न उड़ाए।

चार्ल्स के साथ दो अन्य लड़के भी रहते थे। एक दिन साथ रहने वाले लड़के ने उनका एक निबंध किसी पत्रिका में भेज दिया और वह उसमें प्रकाशित हो गया। उसमें सम्पादकीय टिप्पणी भी लिखी थी कि चार्ल्स का मस्तिष्क निबंध लिखने में बहुत तेज है। चार्ल्स एक अच्छे लेखक बन सकते हैं।

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जब चार्ल्स ने अपना निबंध पत्रिका में प्रकाशित हुआ देखा तो उन्हें अत्यधिक प्रसन्नता हुई। सम्पादक के प्रोत्साहन से उनके जीवन में उत्साह का संचार हो गया। उनकी आशाओं का बुझा हुआ दीपक प्रोत्साहन से जल उठा और वह अपने युग के महान निबंध लेखक बन  गए।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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