देवी के अनुष्ठान से पूर्व करें इन मंत्रों का उच्चारण, हर तरह के संकट से मिलेगी निजात

punjabkesari.in Sunday, Mar 18, 2018 - 11:17 AM (IST)

नवरात्रों में सौभाग्य और हर प्रकार की सुख शांति हेतु श्री दुर्गा सप्तशती के कुछ अति प्रभावशाली मंत्र जिनका का रोजाना एक माला जाप करके मां की कृपा प्राप्त की जा  सकती है। आज से आरंभ होकर चैत्र मास के नवरात्रि 25 मार्च तक चलेंगे। पुराणों में लिखा है कि देवी मां को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अति आवश्यक है। अगर आप पूरी दुर्गा सप्तसती का पाठ नहीं कर सकते हैं तो इसके कुछ मंत्रों का जाप करने से भी शुभ फल मिल सकते हैं।


मंत्र
देहि सौभाग्य मा रोग्य्म देहि में परमं सुखम,
रूपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

 

मंत्र
 ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।


कहते हैं 9 दिनों तक दैवीय शक्ति मनुष्य लोक के भ्रमण के लिए आती हैं। इन दिनों की गई उपासना-आराधना से देवी भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि 8 दिन की है क्योंकि इस बार सप्तमी और अष्टमी तिथि एक साथ हैं। इस दौरान परेशान लोग विभिन्न संकटों से बचने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं।


यह देवी का नौ अक्षरी बीज मंत्र है। जहां पहले तीन अक्षर महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी के बीज मंत्र हैं। वहीं सामूहिक देवीशक्ति के रूप में इस मंत्र के नौ अक्षर नवदुर्गा की 9 शक्तियां भी मानी गई हैं। यह 9 शक्तियां ही नवग्रहों में से एक-एक ग्रह की नियंत्रक मानी गई हैं। इस मंत्र के बिना देवी से संबंधित कोई भी अनुष्ठान सफल एवं सिद्ध नहीं हो पाता। देवी के मंत्र जाप के समय शुद्ध एवं पवित्र रहें।


मंत्र जाप के लिए सावधानी
दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का सही उच्चारण के साथ जाप करना चाहिए। यदि आप मंत्रों का उच्चारण ठीक से नहीं कर सकते तो किसी योग्य ब्राह्मण से इन मंत्रों का जाप करवाएं, अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। साथ ही मंत्र जाप करने वाले व्यक्ति को पवित्रता और ब्रह्मचर्य का भी ध्यान रखना चाहिए।


गरीबी से मुक्ति पाने हेतु मंत्र
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रयदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता।।


बुरी नजर से रक्षा हेतु मंत्र
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।


परेशानियों को दूर करने हेतु मंत्र
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।।


ये जाप की सामान्य विधि
नवरात्र में रोज सुबह जल्दी उठकर साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले माता दुर्गा की पूजा करें।

इसके बाद घर के मंदिर में या किसी अन्य देवी मंदिर में आसन पर बैठकर मंत्रों का जाप करें।

मंत्र जाप के लिए लाल चंदन के मोतियों की माला का उपयोग करना चाहिए।

मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।


नवरात्रि में हर दिन देवी शक्ति की वस्त्र, गंध, अक्षत, फूल, फल, नैवेद्य अर्पित कर धूप, दीप जलाकर 11, 21, 51 या लाल आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख कर बैठकर पूरी पवित्रता के साथ 108 बार रुद्राक्ष की माला से जप सारे ग्रह दोष दूर कर सुखी-संपन्न बनाने वाला माना गया है। देवी के मंत्र जाप में रात्रि का समय उचित है।

 


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