Chanakya Niti: इन हालातों में ज्ञान भी हो सकता है खतरनाक

punjabkesari.in Saturday, Sep 03, 2022 - 02:51 PM (IST)

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ज्ञान एक ऐसा हथियार है, जो व्यक्ति को कठिन के कठिन हालात में बचाने की क्षमता रखता है। कहने का अर्थ है कि जिस व्यक्ति के पास ज्ञान होता है वह व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी कठिन परस्थिति से घबराता नहीं है, बल्कि डटकर हर परिस्थिति का सामान करता है। कहा जाता है जसि व्यक्ति के पास जितना अधिक ज्ञान होता है वह उतना ही बुद्धि व शक्तिशाली संपन्न होता है। मगर ज्ञान से जुड़ी कुछ जानकारी ऐसी भी जिसके बारे में लोग कम ही जनाते होंगे। दरअसल आचार्य ने अपने नीति सूत्र में ज्ञान से संबंधित ऐसी जानकारी दी गई है जिस पर विश्वास करना शायद थोड़ी कठिन तो हो सकता है मगर चाणक्य नीति के अनुसार ये बिल्कुल सही है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति सूत्र में ज्ञान को किन्हीं हालातों में विष के समान घातक माना जाता है। जी हां, आपको जानकर थोड़ी हैरानी हो सकती है परंतु कुछ परिस्थतियां ऐसी होती हैं जिसमें अगर ज्ञान का सही से इस्तेमाल न किया जाए तो वह विष के समान खतरनाक साबित होता है। आइए जानते हैं क्या है वो परिस्थितियां- 
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चाणक्य नीति में दिया गया श्लोक- 
अनभ्यासे विषं शास्त्रमजीर्णे भोजनं विषम्।
दरिद्रस्य विषं गोष्ठी वृद्धस्य तरुणी विषम्।। 

 

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चाणक्य नीति के श्लोक में किए वर्णन के अनुसार व्यक्ति जो ज्ञान अर्जित करता है अगर उसका अभ्यास न करें तो वो बेकार हो जाताहै। कहते हैं अधूरा ज्ञान बहुत खतरनाक होता है, इसलिए अभ्यास कर उसे पूर्ण रूप से ग्रहण करना चाहिए। उदाहरण दें तो डॉक्टर अधूरे ज्ञान के आधार पर मरीजों का इलाज करे तो कितना नुकसानदायक हो सकता है। ठीक इसी तरह विद्या का अर्जन करने के बाद उसकी अभ्यास जरूर करें तभी सफलता प्राप्त हो सकती है। 

चाणक्य के अनुसार अपच की स्थिति में व्यक्ति को हल्का भोजन खाना चाहिए या फिर खाना ग्रहण करने से ही परहेज करना चाहिए। कहा जाता है इससे पेट से संबंधित समस्या और बढ़ सकती है। अतः इस अवस्था में भोजन जहर के समान बताया गया है। 
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आचार्य चाणक्य कहते हैं एक स्वाभिमानी गरीब व्यक्ति के लिए समारोह, शादी, उत्सव सब व्यर्थ व बेकार होते हैं, क्योंकि इनमें शामिल होने से उसकी आर्थिक परिस्थिति का मखौल उड़ाया जाता है. जिसे वो सहन नहीं कर पाता, और ऐसे में ये मजाक उसके लिए जहर के समान हो जाते हैं। 


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Content Writer

Jyoti

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