Kundli Tv- चाणक्य से जानें दान-पुण्य का असली महत्व

punjabkesari.in Sunday, Jul 22, 2018 - 02:12 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)

PunjabKesari

हिन्दू धर्म में दान की बहुत महिमा बताई गई है। आधुनिक प्रसंग में दान का अर्थ किसी जरूरतमन्द को सहायता के रूप में कुछ देना है। दान किसी भी वस्तु का किया जा सकता है। जब हम दूसरों की खुशी के लिए अपनी किसी खुशी का त्याग करते हैं और एेसा करने पर हमारे मन को शांति मिलती है तो इसे दान कहते हैं। हमारे पूर्वज मनीषियों ने दान का धर्म के साथ अटूट संबंध जोड़कर उसे आवश्यक धर्म-कर्तव्य घोषित किया था। दान की बड़ी-बड़ी आदर्श गाथाएं हमारे साहित्य में भरी पड़ी हैं और आज भी हम किसी न किसी रूप में दान की परपंरा को निभाते हैं। गरीब से लेकर अमीर, सभी अपनी-अपनी स्थिति के अनुसार कुछ न कुछ दान करते ही हैं। इसी संदर्भ में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि-

PunjabKesari
दान धर्म:।

इस संसार में दान देने से बड़ा कोई भी धर्म नहीं है। राजा को सदैव जरूरतंदों को दान देना चाहिए। लाभ की इच्छा से कभी दान नहीं देना चाहिए। दान बिल्कुल नि:स्वार्थ होना चाहिए।

बाज़ करेगा सभी दुखों का नाश (देखें VIDEO)
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News