Budhwar Vrat: बुधवार का व्रत रखने से मिलते से अनगिनत फायदें, जानें इसके नियम
punjabkesari.in Wednesday, Mar 05, 2025 - 07:48 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Budhwar Vrat: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। जैसे कि सोमवार भगवान शंकर को, मंगलवार हनुमान जी को और ऐसे ही बुधवार गणेश जी और बुध ग्रह को समर्पित है। इस दिन श्री गणेश की पूजा का प्रावधान है। बुधवार को जो भी इंसान गणपति जी की पूजा करता है व विधि पूर्वक गणेश का व्रत करता है उसे हर काम में सफलता मिलती है। साथ ही आपको बता दें बुधवार को बुध ग्रह की पूजा का भी प्रावधान भी है। बुध को ज्योतिष शास्त्र में वाणी का कारक माना जाता है। जिस जातक की कुंडली में बुध कमजोर होता है, वो जातक संकोची होता है। अपनी बात रखने में उसे परेशानी होती है। आपको बता दें, कुंडली में बुध ग्रह के अशुभ स्थिति में होने पर बुधवार को गणेश का पूजन करना लाभदायक होता है। हिंदू मान्यता के अनुसार अगर घर में धन नहीं रुकता, बेवजह धन व्यर्थ होता है, घर में क्लेश मचा रहता है, तो ये सब बुधवार को व्रत या पूजन से दूर किया जा सकता है। मान्यता है कि ये व्रत बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव दूर करता है। आज जानते हैं बुधवार को गणेश जी और बुध ग्रह की कृपा के लिए कैसे पूजन व व्रत किया जाता है-
बुधवार का व्रत 21 बुधवार तक करने का विधान है, आप चाहे तो इसे 41 बुधवार तक भी कर सकते हैं, ऐसा करने से अच्छा फल मिलता है।
अगर आप बुधवार का व्रत शुरू करने जा रहें हैं या फिर पहली बार बुधवार का व्रत रखने जा रहें हैं तो बुधवार का व्रत अंधेर यानी कृष्ण पक्ष की बजाए चांदनी यानी शुक्ल पक्ष में रखने की शुरुआत करनी चाहिए।
ये व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से करना शुभ माना जाता है।
बताते चलें, अन्य व्रतों की तरह इस व्रत में भी नमक पूरी तरह से मना होता है। जिस तरह हिंदू धर्म में हर देवता का कुछ न कुछ प्रिय आहार है। ठीक इसी तरह मान्यता है कि बुधवार को खाने में मूंग की दाल की पंजीरी या हलवा भोग लगाने से गणेश जी जल्दी खुश होते हैं। इस व्रत में दान को विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि बुधवार का व्रत रखने के दौरान दान के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। इसके अलावा दुर्वा से ही गणेश जी का अभिषेक करें इससे गणपति बप्पा मनोवांछिक फल देते हैं।
इस व्रत में किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है-
गणेश जी की पूजा में टूटे और गीले चावल का प्रयोग न करें नहीं तो आपको गणेश जी के क्रोध का सामना करना पड़ेगा। गणेश जी की पूजा में फूलों का विशेष महत्व है इसलिए इन्हें लाल रंग का फूल अर्पित करें और भूलकर भी इनकी पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें।