Bhiwani Bhoja Devi Mandir: अद्भुत मंदिर, मां की प्रतिमा में भक्तों को होते हैं विभिन्न रुपों के दर्शन
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 11:05 AM (IST)

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Bhiwani Bhoja Devi Mandir: भिवानी के नया बाजार स्थित भोजांवाली देवी मंदिर न केवल विशाल और सुंदर है, बल्कि इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भी अद्वितीय है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि माता की मूर्ति का नाक बिंधा हुआ है और चेहरा हमेशा प्रसन्न मुद्रा में रहता है। भिवानी का भोजांवाली देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि श्रद्धा और आस्था का अद्भुत केंद्र है। यहां आने वाले भक्त माता के अद्भुत चमत्कारों का अनुभव करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति पाते हैं। यह मंदिर हमें यह संदेश देता है कि सच्ची भक्ति, श्रद्धा और आस्था से ही देवी अपनी कृपा दिखाती हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस मंदिर में आने वाला हर व्यक्ति अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति अनुभव करता है। यही वजह है कि मंदिर को चमत्कारी और अद्भुत स्थान माना जाता है।
The miraculous form of Bhoja Devi Mandir भोजांवाली देवी मंदिर का चमत्कारी स्वरूप
मंदिर में नौ दिन तक चलने वाले नवरात्रों में माता का स्वरूप हर दिन बदलता है, जिससे भक्तों को हर दिन नए रूप में माता का दर्शन होता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं का अनुभव है कि जो कोई भी अपनी मन्नत लेकर आता है, माता उसकी मुराद अवश्य पूरी करती हैं।
भोजांवाली देवी मंदिर में मूर्ति का चमत्कार केवल रूप में ही नहीं बल्कि शारीरिक प्रतिक्रियाओं में भी देखा जाता है। बताया जाता है कि नवरात्रि के दौरान मूर्ति से पसीना निकलता है और नवरात्रि के अंतिम दिन माता की आंखों से आंसू भी निकलते हैं। ये चमत्कार केवल श्रद्धालुओं को ही दिखाई देते हैं।
The story of the establishment of Bhoja Devi Temple भोजांवाली मंदिर की स्थापना की कहानी
किंवदंती के अनुसार, लगभग सात सौ वर्ष पहले भोजा जाति के कुछ लोग राजस्थान से माता की मूर्ति लेकर भिवानी जा रहे थे। रास्ते में उन्हें विश्राम करने की आवश्यकता पड़ी और उन्होंने पेड़ के नीचे मूर्ति रख दी। जब वे मूर्ति को उठाने गए, तो यह स्वयं अपनी जगह पर स्थापित हो चुकी थी। तभी आकाशवाणी हुई कि माता का मंदिर यहीं बनाया जाए। इसी घटना के बाद भोजांवाली देवी मंदिर का निर्माण किया गया।
Features of Bhoja Devi Temple भोजांवाली मंदिर की विशेषताएं
मां की मूर्ति की नाक बिंधी हुई है, ऐसा भारत में कहीं और शायद ही देखने को मिले।
मूर्ति के आंखों से आंसू निकलते हैं और पसीना आता है।
नवरात्रों का प्रत्येक दिन माता का अलग रूप दर्शाता है। नौ दिन विभिन्न रूपों में बदलता है मां का रुप।
भोजांवाली देवी मंदिर में प्रसाद के रुप में मिलता है हलवा, छोले और फल-फ्रूट, जो भक्तों में बांटे जाते हैं।
नवरात्रों में मंदिर में लगभग 500 से अधिक ज्योत जलती रहती हैं।
Religious and cultural significance of the Bhoja Devi temple भोजांवाली मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
भिवानी जिसे छोटी काशी कहा जाता है में करीब 500 मंदिर हैं। इन सभी मंदिरों का अपना इतिहास है। इनमें से भोजांवाली देवी मंदिर अपनी अनोखी मूर्ति और चमत्कारिक घटनाओं के कारण प्रसिद्ध है। नवरात्रों के समय यह मंदिर न केवल हरियाणा से बल्कि देश-विदेश के भारतीय श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। भक्तों की भीड़, मंदिर की सजावट, महाआरती और भव्य प्रसाद वितरण इस मंदिर के महत्व को और बढ़ाते हैं।