Bargain hunters: सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने वाले, गांधी जी के इस विचार से लें सीख
punjabkesari.in Friday, Oct 13, 2023 - 08:07 AM (IST)

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Thoughts of Gandhi ji: नमक कानून तोड़ने के लिए गांधी जी डांडी मार्च कर रहे थे। यात्राओं के दौरान बापू पानी पीने के लिए मिट्टी का एक प्याला रखते थे। उनके सचिव प्यारे लाल को लगा कि बापू जिस मिट्टी के प्याले में पानी पीते हैं वह ऊपर से टूट गया है। इसे क्यों न बदल दिया जाए। वह प्याला खरीदने बाजार गए। एक प्याला 6 पैसे का था पर 8 पैसे देने पर दो प्याले मिल जाते। प्यारे लाल ने दो प्याले खरीद लिए।
शाम को यात्रा से लौटने के बाद सहयोगियों के साथ भोजन करने बैठे। इस दौरान गांधी जी ने पानी पीते समय नया प्याला देखा तो प्यारे लाल से पूछा, “वह पुराना वाला प्याला कहां गया?”
प्यारे लाल ने कहा, “बापू, वह टूट रहा था। इसलिए हमने बदल दिया। बाजार में दुकानदार एक प्याला 6 पैसे में दे रहा था और दो प्याले 8 पैसे में, तो मैंने 8 पैसे में दो प्याले ले लिए।” प्यारे लाल के बिना जरूरत 2 प्याले खरीदने की बात सुनकर गांधी जी चौंके। यह फिजूलखर्च उन्हें ठीक नहीं लगा।
गांधी जी ने सचिव से पूछा, “क्या आपको अभी से मालूम है कि दूसरा प्याला कब टूटेगा ? जब नए की जरूरत होती तब देखा जाता। अब इस यात्रा में एक वजन मेरे ऊपर आपने और लाद दिया। मैं अब एक की जगह दो प्याले लेकर चलूं?”
गांधी जी का कहना था, जरूरत थी तो एक प्याला खरीद लेते। सस्ते के चक्कर में संग्रह नहीं करना चाहिए।