Chardham Yatra 2025: गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के खुले कपाट, दर्शन से पहले जान लें ये नियम
punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 12:24 PM (IST)

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Chardham Yatra 2025: उत्तराखंड की हिमालयी वादियों में स्थित चारधाम यात्रा हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। 2025 में यह यात्रा एक बार फिर श्रद्धा, आस्था और प्रकृति के अद्भुत संगम का साक्षी बनने जा रही है। इस पावन यात्रा की शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन से हो गई है। इस दिन से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
30 अप्रैल को सुबह करीब 10 बजकर 30 मिनट पर गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए छह महीनों के लिए खोल दिए गए। इस शुभ अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं गंगोत्री पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली पूजा की। कपाट खुलने के मौके पर बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, जय मां गंगे के जयघोषों से पूरा क्षेत्र भक्तिभाव से गूंज उठा। अब आने वाले छह महीनों तक श्रद्धालु गंगोत्री आकर मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे।
वहीं दूसरी ओर, यमुनोत्री धाम के कपाट भी आज सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। माता यमुना के दर्शन के लिए भी हजारों की संख्या में भक्त यमुनोत्री पहुंचे थे। जैसे ही कपाट खुले, जय मां यमुना के जयकारों के साथ पूरा धाम भक्तिमय माहौल में डूब गया। अब मां यमुना के दर्शन भी अगले छह महीनों तक किए जा सकेंगे।
Keep these rules in mind before visiting दर्शन करने से पहले इन नियमों का रखें ध्यान
चारधाम यात्रा के दौरान जब आप मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन के लिए जाएं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सबसे पहले तो मन में सच्ची श्रद्धा और भक्ति का भाव रखें। दर्शन से पहले और बाद में सात्विक भोजन ही करें ताकि शरीर और मन दोनों पवित्र बने रहें। मंदिर परिसर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें और न ही फोटो या वीडियो बनाने पर ज़ोर दें। इसकी बजाय मंत्रों का उच्चारण करें या भगवान का नाम जपें। खासकर गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे पवित्र स्थलों पर मूर्तियों के बहुत पास जाने से बचें और वहां की परंपराओं व स्थानीय रीति-रिवाजों का आदर करें।