Banke Bihari Mandir News: हरियाली तीज पर बांके बिहारी मंदिर में दर्शनों को लेकर जारी हुए नए Timings
punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 11:11 AM (IST)

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Banke Bihari Mandir News: बांके बिहारी जी स्वभावतः नितांत लीलामय और अंतर्मुखी हैं। वे लंबे समय तक अपने भक्तों को एक ही रूप में दर्शन नहीं देते इसलिए स्वर्ण और रजत से निर्मित हिंडोले का दर्शन केवल तीज के दिन सीमित समय के लिए होता है। यह अत्यंत दुर्लभ और चमत्कारी क्षण होता है, जिसमें राधा-कृष्ण के दिव्य मिलन का रस प्रकट होता है। हरियाली तीज पर बांके बिहारी जी का झूला साक्षात ब्रज की झांकी बन जाता है। पंजाब केसरी के संवाददाता विक्की शर्मा को राजू गोस्वामी ने कहा यह केवल एक रस्म नहीं, बल्कि राधा-कृष्ण के अनंत प्रेम की झलक है। यह दिन भाव, भक्ति और ब्रज-रस में भीगने का अवसर है।
Banke Bihari Mandir Hariyali Teej Timing: 27 जुलाई को आने वाले हरियाली तीज पर्व पर बड़ी संख्या में भक्तों के आने की संभावना है। मंदिर प्रबंधन ने बिहारी जी के दर्शनों के समय में बढ़ौत्तरी करते हुए 4 घंटे के लिए समय बढ़ा दिया है। हरियाली तीज की प्रात: 7 बजकर 45 मिनट पर भक्तों के लिए बिहारी जी का मंदिर खोल दिया जाएगा। दोपहर 2:00 बजे तक दर्शन होंगे। शाम 5:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक ठाकुर बांके बिहारी अपने भक्तों के बीच रहेंगे। 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को दर्शन का समय अधिक रहने वाला है।
मंदिर प्रबंधन ने अपील की है कि हरियाली तीज के दिन मंदिर में बहुत बड़ी संख्या में जनसमूह रहने वाला है। इस दिन यदि मंदिर न आएं तो आपके खुद के लिए होगा। यदि आना ही चाहते हैं तो मंदिर में जारी सभी गाइडलाइन्स का पालन करें। तय की गई पार्किंग पर ही वाहनों को खड़ा करें। इधर-उधर वाहन पार्क करके अन्य यात्रियों के लिए असुविधा न करें। एकल मार्ग व्यवस्था का पालन करें। जूता घरों पर ही जूते चप्पल उतारें। अपने साथ छोटे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को न लाएं।
ठाकुर जी का स्वरूप हरियाली वस्त्रों में राधा स्वरूप के साथ झूलते हुए दर्शन देता है। पर्दा दर्शन की परंपरा भी इस दिन विशेष होती है, हर 10-20 सेकंड में पर्दा हटता है और दर्शन होते हैं। कुछ भक्त इस दिन सप्ताह भर का झूलनोत्सव शुरू कर देते हैं, जो रक्षाबंधन तक चलता है।
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हरियाली तीज पर सुबह विशेष मंगल आरती होती है। झूलनोत्सव का प्रारंभ होने के साथ ही दिन भर ठाकुर जी को झूले पर झुलाया जाता है। बिहारी जी का श्रृंगार हरे रंग के वस्त्रों, फूलों की सजावट, खासकर गुलाब, मोगरा, बेला से किया जाता है। भजन-कीर्तन की धूम रहती है। संकीर्तन मंडलियां राधे राधे के स्वर में पूरे वृंदावन में गूंजती हैं। भक्तजन लाखों की संख्या में दर्शन करने आते हैं, एक दिव्य मेले का अनुभव होता है।