Banke Bihari Mandir Corridor Protest: सेवा परंपरा बचाने के लिए भक्तों का जोरदार विरोध, कॉरिडोर योजना पर उठे सवाल
punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 12:39 PM (IST)

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Banke Bihari Mandir Corridor Protest: वृंदावन, भक्ति ओर आस्था का केंद्र, श्री राधाकृष्ण की लीला स्थली, जहां करोड़ों भक्त प्रति वर्ष आते है। यह वृंदावन धाम रसिकों की भूमि है, जहां पर समय-समय श्री राधाकृष्ण की भक्ति में रंगे हुए रसिकों का आगमन हुआ है और अपनी भक्ति ओर तप से श्री राधाकृष्ण के अलग-अलग विग्रह प्रकट किए, जिनके दर्शन आज सभी भक्त श्री धाम वृंदावन में करते है। इन में से एक है वृंदावन के सब से लाडले ठाकुर श्री बांके बिहारी लाल जी, जिनको श्री ललिता सखी के अवतार रसिक शिरोमणि स्वामी श्री हरिदास जु महाराज जी ने अपनी संगीत साधना के साथ प्रकट किया था। आज करोड़ों भक्त प्रति वर्ष ठाकुर जी के दर्शन करते है।
पिछले कुछ वर्षों से श्री धाम वृंदावन में आने वाले भक्तों की संख्या में काफी वृद्धि देखने को मिली है। जिस से वही की व्यवस्था बिगड़ती हुई देख वहां की सरकार ने श्री बांके बिहारी मंदिर ओर आसपास की कुंज गलियां जो कि वृंदावन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है को तोड़कर कॉरिडोर का निर्माण करनी चाहती है। मंदिर की सारी पूजा वहां के गोस्वामी समाज के द्वारा 500 वर्ष पुरानी पद्धति के साथ की जाती है, लेकिन अब सरकार के द्वारा मंदिर न्यास कमेटी का गठन किया गया है ओर वहां के गोस्वामी समाज के हितों की अनदेखी की गई है। कॉरिडोर निर्माण की आड़ में श्री बिहारी जी महाराज जी के मंदिर का अधिग्रहण किया जा रहा है, ओर गोस्वामी समाज को ठाकुर जी की सेवा पूजा से दूर करने की तैयारी है। यह स्वामी श्री हरिदास जु के द्वारा शुरू की गई सेवा पद्धति की अवज्ञा होगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवाधिकारी राजू गोस्वामी जी ने कहा है कि इस मामले को लेकर कल 15 जून को लुधियाना में ठाकुर जी के भक्तों की एक मीटिंग हुई। जिस में उन्होंने ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि वृंदावन में भक्तों की बढ़ती रही भीड़ को देखते हुए, वृंदावन की कुंजगलियां जो वृंदावन की धरोहर है, उनकी तोड़ कर वहां के रहने वाले बृजवासियों के घरों को तोड़ कर कॉरिडोर का निर्माण न किया जाए। बल्कि दूसरे वैकल्पिक उपायों पर विचार करने के लिए प्राथना कीओर साथ ही वृंदावन की शोभा श्री यमुना जी के साफ-सफाई और सौंदर्य कर्ण की बात की इसके साथ ही वृंदावन के परिक्रमा मार्ग को उसके मूल रूप वृक्षों से हरा भरा और बृज रज से सुशोभित करने की बात कही।