राम मंदिर : ‘अक्षत’ पाकर भावुक हुए मुस्लिम कार सेवक

punjabkesari.in Monday, Jan 08, 2024 - 07:46 AM (IST)

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लखनऊ,मिर्जापुर (स.ह.) : मिर्जापुर के मोहम्मद हबीब तब भावुक हो गए जब मीलों दूर अयोध्‍या से उनके लिए चावल के कुछ कच्चे दाने (अक्षत) और एक पत्र आया जिसके साथ ही राम मंदिर की एक तस्वीर भी थी। भाजपा की जिला इकाई में विभिन्न पदों पर रह चुके 70 वर्षीय पूर्व ‘कारसेवक’ हबीब ने कहा, ‘अक्षत पाकर मैं भावुक हो गया।”

अक्षत के साथ पत्र और राम मंदिर की तस्वीर अयोध्या से भेजी गई है क्योंकि 22 जनवरी को भव्य अभिषेक समारोह की तैयारी चल रही है। हबीब ने बताया कि वह समारोह को अपने घर से टी.वी. पर देखेंगे और 22 जनवरी के बाद किसी भी दिन मंदिर जाएंगे क्योंकि पिछले दिनों अयोध्या आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी के बाद लोगों से अयोध्या आने का आग्रह किया था। उनका कहना है कि वह एक ‘कार सेवक’ थे और दो दिसंबर 1992 से ‘अपने लोगों के समूह’ के साथ 4 से 5 दिनों के लिए अयोध्या में रुके थे। 

हबीब कहते हैं, ‘यह सभी के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा।’ उन्होंने कहा, “हमें यह तारीख बहुत तपस्या और बहुत सारी लड़ाइयों के बाद मिली है। मैं भाजपा का पुराना सदस्य हूं। लगभग 32 वर्षों के बाद मुझे परिणाम मिले और पुरानी यादें ताजा हो गई।’

नाजनीन अंसारी का कहना है कि उन्होंने “नफरत का वह दौर देखा है जहां राम मंदिर का नाम लेना भी डरावना था और आज हम राम मंदिर के निर्माण के कारण पूरे देश में खुशी भी देख रहे हैं। मैं इससे बहुत खुश महसूस कर रही हूं। अंसारी ने कहा कि उन्होंने 2006 में वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में हुए विस्फोटों के बाद भगवान राम का अनुसरण करना शुरू किया था। 

इकबाल अंसारी ने अयोध्या से बताया अयोध्या हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब (शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की संस्कृति) का प्रतीक रहा है। जो सद्भावना अयोध्या में है, वह मुझमें भी है। जो व्यक्ति मुझे निमंत्रण पत्र देने आया, मैंने उसका स्वागत किया। अंसारी ने याद दिलाया कि उन्हें 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमिपूजन में शामिल होने का निमंत्रण भी मिला था और वह उस कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे।


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Content Writer

Niyati Bhandari

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