Ashadha Gupt Navratri 2021: गुप्त सिद्धियों के लिए करें तांत्रिक साधना

punjabkesari.in Saturday, Jul 10, 2021 - 07:59 AM (IST)

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Ashadha Gupt Navratri 2021: आषाढ़ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि कहे जाने से भाव यह है कि इन नवरात्रों में मां भगवती के दस महाविद्या के रूपों की साधना की जाती है। इन गुप्त नवरात्रि के बारे में अधिकतर आम लोगों को ज्ञान नहीं होता है। ये गुप्त नवरात्रि दस महाविद्या की सिद्धि कर उन्हें प्रसन्न करने के लिए तांत्रिक व अघोरी अनुष्ठान करते हैं। ये साधना कठिन होने के कारण गृहस्थ में रह रहे लोगों के लिए मुश्किल होती है  इसलिए इन नवरात्रों को कोई विशेष कार्य सिद्धि करने के लिए तपस्वी, अघोरी, तांत्रिक माता भगवती की मध्यरात्रि में पूजा करते हैं। इन गुप्त नवरात्रि में सच्चे मन से किए गए छोटे-छोटे अनुष्ठान भी किए जाते हैं। जिनसे मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं। कुल के अनुसार दश महाविद्या को दो श्रेणियों में बांटा गया है। एक काली कुल और दूसरा श्री कुल। जहां एक ओर काली कुल की उपासना दुष्टों के संहार करने की शक्ती है, वहीं श्री कुल रिद्धि-सिद्धि प्रदान करने वाली पांच महा शक्तियां हैं। ये गुप्त नवरात्रि अत्यंत दुर्लभ शक्तियों के पाने का सुअवसर होते हैं। आम जन मानस को इससे कैसे लाभ मिलेगा। तो आइए जानें कैसे करें गुप्त सिद्धियों के लिए करें तांत्रिक साधना।

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प्रातः काल में स्वच्छ होकर माता भगवती के स्वरूप का दूध, शहद, दही, पुष्प से अभिषेक करें। इसके बाद मां भवानी को 108 लौंग उनका नाम लेते हुए अर्पित करें। 108 मखानों की संख्या लेकर रेशमी सूत में पिरो कर माला बना कर अर्पित करें। अपनी इच्छा मां भगवती को बताएं। याचक बनकर उनकी पूजा करें।

प्रतिदिन केवल दो लौंग अम्बे मां को चढ़ाएं। जीवन में अच्छे बदलाव आने आरंभ होंगे।

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गुप्त नवरात्रि में माता के मन्त्रों का उच्चारण करें। एक अनोखी ऊर्जा का संचार होगा और वाक्य सिद्धि होगी। 

मन्त्र- ॐ ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विचे।

मध्य रात्रि में किया अनुष्ठान, जाप अधिक प्रभावी होता है इसलिए उत्तर दिशा की ओर बैठ के माता का ध्यान करें। सिंदूर अर्पित करते हुए मंत्रों जाप करें। 

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ध्यान रखें, देवी की प्रतिमा और कलश ईशान कोण में रखें। अखंड ज्योति आग्नेय कोण में प्रज्जवलित करें।
 
नीलम
neelamkataria0012@gmail.com 

 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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