इस मंत्र से अपना जीवन सफल, सुखद एवं मंगलमय बनाएं

punjabkesari.in Wednesday, May 13, 2015 - 11:59 AM (IST)

वृहस्पति देव मनुष्य को धन, सुख, दाम्पत्य और पुत्र रत्न की प्राप्ति देते हैं। यदि ये अस्त हो या वक्री हो तो विवाह सही आयु में नहीं हो पाता तथा वैवाहिक जीवन दु:खद अन्यथा तलाक की स्थिति बन जाती है। धन का नाश होता है। व्यक्ति दुभाग्यपूर्ण जीवन जीने को मजबूर हो जाता है। व्यक्ति के अपने रिश्तेदार भी उसका साथ छोड देते हैं। पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं हो पाती। इन्हीं सभी समस्याओं के समाधान हेतु हमें ज्योतिष शास्त्र द्वारा उचित मार्गदर्शन मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में बताए गए उपायों द्वारा हम अपने जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण कर सकते हैं। इन्हीं लघु उपायों से हम अपना जीवन सफल, सुखद एवं मंगलमय बना सकते हैं।

वृहस्पति देव को प्रसन्न रखने के उपाय

1. वृहस्पतिवार को पीली वस्तुओं का दान करें।

2. संतान प्राप्ति के लिए वृहस्पतिवार के दिन गाय को केला खिलाएं।

3. वृहस्पतिवार को केले के पौधे का पूजन करें और पीला वस्त्र पहनें।

4. संतान प्राप्ति के लिए वृहस्पतिवार के दिन संतान गोपाल साधना करें। 

5. विवाह हेतु शिवलिंग पर पीत चंदन का लेप करके दूध से अभिषेक करें।

6. वृहस्पतिवार के दिन व्रत और कथा करें और वृहस्पति देव के चित्र पर चना और गुड़ का भोग लगाएं।

7. धन और समृद्धि के लिए हल्दी की गाठें, चना दाल और साबुत लाल मिर्च पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।

8. पीला पुखराज स्वर्ण की अंगूठी में जड़वाकर तथा अंगूठी की विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा करवाकर वृहस्पतिवार को शुभ मुहुर्त में दाएं हाथ की तर्जनी में धारण कर सकते हैं।

9. वृहस्पतिवार के दिन शुभ महूर्त मे वृहस्पति देव का विधवत षोडशोपचार पूजन कर हल्दी की माला से इस मंत्र का 5 या 11 अथवा 21 माला जाप करें। जाप मे पीला आसान, पीले फूल और बेसन से बना मिष्ठान प्रयोग में लें।

मंत्र: ॐ देवानां च ऋषीणां गुरुं कांचनसन्निभम। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥ 

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: info@kamalnandlal.com 


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