Annakoot 2021: 5 नवंबर को है अन्नकूट, पढ़ें पौराणिक रोचक कथा

punjabkesari.in Friday, Oct 29, 2021 - 08:56 AM (IST)

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Annakut 2021: गोवर्धन पूजा को अन्न कूट भी कहा जाता है। इस दिन कई मंदिरों व सामाजिक जगहों में भंडारा होता है। यह दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस बार ये शुभ दिवस 5 नवंबर 2021 के दिन मनाया जायेगा। इसी रोज भगवान विश्वकर्मा जी की भी पूजा की जाती है, कामगार लोग आज के दिन अपने औजारों की पूजा करते हैं क्योंकि इन्हीं औजारों का प्रयोग कर वह अपनी आजीविका कमाते हैं। जिसके पीछे का भाव यह है कि इन्सान अपने संसाधनों का सदुपयोग कर अपना भरण-पोषण करे व स्वयं व समाज के कल्याण में भागीदार बने न कि व्यर्थ के कार्यो में समय बिताकर समय की बर्बादी।

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अन्नकूट का मतलब होता है अन्न का समुह। भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार अन्नकूट प्रथा का आरम्भ द्वापर युग के समय हुआ था। गोवर्धन पर्वत और गायों के निमित्त होकर भगवान श्री कृष्ण ने आज ही के दिन पका हुआ अन्न अर्पण किया था तथा प्रसाद स्वरूप सभी को वितरण भी करवाया था। इसी घटना के संस्मरण के रूप में आज भी कलयुग के समय में भी श्री कृष्ण जी द्वारा प्रारम्भ प्रथा का अनुसरण भक्तों द्वारा समाज कल्याण की भावना से किया जाता है।

इस दिन विशेष रूप से गाय माता की पूजा का महत्व होता है। गाय के दूध, घी, छांछ, दही, मक्खन यहां तक की गोबर एवं मूत्र से भी मानव जाति का कल्याण हुआ है। कलयुग में पांच ग अक्षरों की बहुत ही मान्यता है- गाय, गंगा, गायत्री, गीता व गुरू। ऐसे में गाय जो हिन्दू धर्म में गंगा नदी के तुल्य ही मानी जाती है, गाय को इस दिन पूजा जाता है।

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आज ही के दिन भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा गांव वासियों की अपने बायें हाथ की कनिष्किा अंगुली पर सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को उठाकर रक्षा की थी। सभी के मन से इन्द्र का भय समाप्त कर गोवर्धन पर्वत के महत्व को समझाकर इन्द्र का अभिमान समाप्त किया था तथा प्रकृति की उपयोगिता व प्राकृतिक संसाधनों से तालमेल का संदेश दिया था।

यह दिवस यह सन्देश देता है कि हमारा जीवन प्रकृति की हर एक चीज़ पर निर्भर करता है जैसे पेड़-पौधों, पशु-पक्षी, नदी, पर्वत आदि इसलिए हमें उन सभी का धन्यवाद देना चाहिये। हमारे भारत देश में जलवायु संतुलन का विशेष कारण पर्वत मालायें व नदियां हैं। इस प्रकार यह दिन इन सभी प्राकृतिक धन-सम्पति के प्रति हमारी भावना को व्यक्त करता है।

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM).

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Content Writer

Niyati Bhandari

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