Adhik Maas Amavasya: अधिक अमावस्या पर 19 साल बाद बनेगा महासंयोग, जानें महत्व और शुभ मुहूर्त
punjabkesari.in Monday, Aug 14, 2023 - 10:25 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Adhik Maas Amavasya 2023: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। अधिकमास के दौरान जब भी अमावस्या पड़ती है, तो यह दिन बहुत ही खास माना जाता है। यह अमावस्या हर 3 साल में एक बार आती है। 16 अगस्त को 2023 की अधिक अमावस्या पर 19 साल बाद महासंयोग बन रहा है। यह दिन बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन को विराम दिवस भी कहा जाता है। अधिक अमावस्या के दिन अगर कोई विशेष काम करते हैं तो व्यक्ति के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान आदि उपाय किए जाते हैं।
Adhik Maas Amavasya 2023 date and auspicious time अधिक मास अमावस्या 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का शुभारंभ 15 अगस्त दोपहर 12 बजकर 42 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 16 अगस्त दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि मान्य होने के कारण अधिक मास अमावस्या 16 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी। दर्श अमावस्या तिथि के दिन पांचवां मंगला गौरी व्रत भी पड़ रहा है।
Adhik Maas Amavasya Significance अधिक मास अमावस्या महत्व
शास्त्रों में अधिक मास अमावस्या महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। अमावस्या तिथि के दिन स्नान-दान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही कुंडली में उत्पन्न हो रहे अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिलता है। इस खास दिन में पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
Adhik Maas Amavasya 2023 Remedies अधिक मास अमावस्या 2023 उपाय
श्रावण अधिक मास की अमावस्या तिथि के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से व्यापार में नए अवसर और तरक्की मिलती है। पीपल के पेड़ की पूजा करने के अलावा तुलसी, बरगद, शमी आदि की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
अधिकमास अमावस्या के दिन पानी में नमक डालकर घर में पोंछा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। घर-परिवार में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
अधिकमास अमावस्या पर अपने घर में ब्राह्मण को भोजन करवाएं। ऐसा करने से पितृ तृप्त होते हैं और घर-परिवार की सारी विपदाएं हर लेते हैं।