आठ महीने में पहली बार गोल्ड ETF से हुई निकासी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 11, 2021 - 05:17 PM (IST)

नई दिल्लीः आर्थिक सुधार और टीकाकरण दर सुधरने को लेकर पैदा हुई उम्मीदों के बीच निवेशकों ने आठ महीने के अंतराल के बाद अब गोल्ड एक्सचेंज ट्रेटेड फंडों (ईटीएफ) से निकासी पर जोर दिया है। पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में गिरावट से भी निवेशक डेट और इक्विटी फंड जैसे अन्य निवेश विकल्पों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन एम्फी के आंकड़े से पता चलता है कि गोल्ड ईटीएफ ने जुलाई में 61.5 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी दर्ज की। पिछली बार, गोल्ड ईटीएफ में नवंबर 2020 में शुद्ध निकासी दर्ज की गई थी।

दिसंबर और जून के बीच की अवधि में, निवेशकों ने इक्विटी बाजार में तेजी के बीच अपने निवेश में विविधता लाने के लिए गोल्ड ईटीएफ में 3,537 करोड़ रुपए का निवेश किया था। क्वांटम म्युचुअल फंड में अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स के वरिष्ठ फंड प्रबंधक चिराग मेहता का कहना है कि टीकाकरण के मोर्चे पर प्रगति और वृहद आर्थिक हालात में सुधार से जोखिम वाली परिसंपत्तियों की लोकप्रियता बढ़ी है और अनुकूल बुनियादी आधार के बावजूद सोने का आकर्षक घटा है। 

मेहता कहते हैं, 'जून में फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक सख्ती की चर्चा ने भी सोने को डॉलर के स्तर पर ला दिया था। इसमें बिकवाली संभावित थी, क्योंकि अमेरिका में ब्याज दरें 2022 के अंत तक शून्य स्तर के करीब पहुंचने को तैयार हैं और राहत प्रोत्साहन में किसी तरह की नरमी इस पर निर्भर करेगी कि अर्थव्यवस्था की चाल कैसी रहती है।' आईबीजेए के आंकड़े से पता चलता है कि सोने की कीमत मंगलवार को 46,035 रुपए प्रति 10 ग्राम पर थी। सोना पिछले तीन महीने में 3.3 प्रतिशत तक और पिछले एक साल में 16.7 प्रतिशत तक गिरा है।

अक्सर, सोने को आर्थिक अनिश्चितता से बचाव के तौर पर महत्वपूर्ण निवेश समझा जाता है और निवेशकों ने कोविड-19 की आशंका की वजह से पिछले कुछ महीनों में सोने में पैसा लगाया लेकिन अब निवेशक अन्य परिसंपत्ति वर्गों को पसंद कर रहे हैं, क्योंकि गोल्ड फंडों ने पिछले एक साल में 17.51 प्रतिशत का औसत प्रतिफल दिया है। यह प्रतिफल पिछले एक साल में म्युचुअल फंड क्षेत्र में सबसे खराब प्रदर्शन वाली श्रेणियों में से एक है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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