क्या अब UPI ट्रांजैक्शन भी होगा महंगा? RBI गवर्नर ने दिया बड़ा बयान
punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 06:04 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के ज़रिए डिजिटल भुगतान करने वाले करोड़ों यूज़र्स के लिए एक अहम खबर है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साफ कहा है कि UPI की सेवा हमेशा के लिए मुफ्त नहीं रह सकती। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस डिजिटल भुगतान प्रणाली को संचालित करने की एक लागत है और इस खर्च को किसी न किसी को उठाना ही होगा। यह बयान उन्होंने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया।
उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि UPI हमेशा मुफ्त रहेगा। इसकी लागतें हैं और कोई न कोई तो उसका भुगतान करेगा।
कौन देगा खर्च की भरपाई?
गवर्नर ने कहा कि चाहे भुगतान सरकार करे, बैंक या फिर व्यापारी—इस सिस्टम को टिकाऊ (sustainable) बनाना जरूरी है। उन्होंने यह भी दोहराया कि Zero-Cost Model लंबे समय तक नहीं चल सकता।
सरकार दे रही है सब्सिडी
जुलाई 2025 में हुए एक BFSI समिट में भी गवर्नर ने यह चिंता जाहिर की थी। उन्होंने बताया कि अभी सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी से बैंकों पर कोई सीधा भार नहीं है लेकिन जैसे-जैसे लेन-देन की मात्रा बढ़ रही है, खर्च भी बढ़ता जा रहा है।
ICICI बैंक ने शुरू किया प्रोसेसिंग चार्ज
इस बीच एक अहम विकास हुआ है। निजी क्षेत्र के ICICI बैंक ने UPI ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगाना शुरू कर दिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक: जिन पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA) का एस्क्रो अकाउंट ICICI में है, उनसे 2 बेसिस पॉइंट (₹100 पर ₹0.02) शुल्क लिया जाएगा, अधिकतम ₹6 प्रति ट्रांजैक्शन। जिन PA का ICICI में खाता नहीं है, उनसे 4 बेसिस पॉइंट (₹100 पर ₹0.04), अधिकतम ₹10 तक शुल्क लिया जाएगा। अगर व्यापारी और ग्राहक दोनों ICICI बैंक में हैं, तो कोई शुल्क नहीं लगेगा।
क्या अब UPI महंगा होगा?
अब जब RBI खुद यह संकेत दे चुका है कि UPI हमेशा मुफ्त नहीं रहेगा और बैंक भी प्रोसेसिंग शुल्क लेने लगे हैं, तो आने वाले समय में डिजिटल ट्रांजैक्शन पर बोझ बढ़ सकता है। हालांकि यह देखना बाकी है कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।