Swiggy, Zomato और Amazon के वर्कर्स क्यों हैं नाराज? 31 दिसंबर से हड़ताल का ऐलान

punjabkesari.in Friday, Dec 26, 2025 - 05:08 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेजन, जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट, फ्लिपकार्ट और जैप्टो जैसे बड़े ऑनलाइन शॉपिंग और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स से जुड़े गिग वर्कर्स ने 31 दिसंबर 2025 से राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इससे पहले 25 दिसंबर से जो गिग वर्कर्स हड़ताल पर बैठे हैं, वे भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखे हुए हैं।

गिग वर्कर्स का कहना है कि बीते कुछ सालों में कंपनियों का मुनाफा लगातार बढ़ा है, लेकिन उनके काम की शर्तें और कमाई दोनों ही बदतर होती जा रही हैं। ऐसे में कंपनियों पर दबाव बनाने के लिए हड़ताल का रास्ता अपनाया गया है।

यूनियनों के बैनर तले होगा आंदोलन

यह हड़ताल तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के नेतृत्व में आयोजित की जा रही है। यूनियनों का दावा है कि इसमें मेट्रो शहरों के साथ-साथ टियर-2 शहरों के बड़ी संख्या में गिग वर्कर्स भी शामिल होंगे, जिससे डिलीवरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।

यूनियन नेताओं का कहना है कि जहां एक ओर प्लेटफॉर्म्स तेजी से डिलीवरी की मांग बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वर्कर्स को न तो उसके मुताबिक भुगतान दिया जा रहा है और न ही सुरक्षित व सम्मानजनक कार्य माहौल उपलब्ध कराया जा रहा है।

एल्गोरिदम सिस्टम बना बड़ी परेशानी

गिग वर्कर्स की सबसे बड़ी चिंता ऐप-आधारित एल्गोरिदम सिस्टम को लेकर है। वर्कर्स का कहना है कि भुगतान, टारगेट और इंसेंटिव पूरी तरह मशीनों द्वारा तय किए जाते हैं, जिनमें पारदर्शिता नहीं है। डिलीवरी के दौरान होने वाले हादसों और जोखिम की पूरी जिम्मेदारी वर्कर्स पर डाल दी जाती है, जबकि समय-सीमा बेहद सख्त रखी जाती है।

इसके अलावा, इंसेंटिव स्ट्रक्चर में बार-बार बदलाव होने से उनकी आमदनी अस्थिर हो गई है, जिससे आर्थिक सुरक्षा पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

कम वेतन और खराब हालात के खिलाफ प्रदर्शन

यूनियनों ने आरोप लगाया है कि वीकेंड, पीक ऑवर्स और त्योहारों के दौरान डिलीवरी वर्कर्स कंपनियों की रीढ़ साबित होते हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें लंबे काम के घंटे, असुरक्षित डेडलाइंस और घटती कमाई का सामना करना पड़ रहा है।

गिग वर्कर्स ने साफ कहा है कि जब तक उनकी कार्य परिस्थितियों, वेतन और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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