मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं को वापस लेने के बाद ही लागू होगी UBI

punjabkesari.in Saturday, Feb 25, 2017 - 02:33 PM (IST)

अहमदाबाद: मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमणियम ने कहा है कि वर्तमान में चल रही सभी कल्याणकारी योजनाओं को वापस लिए जाने के बाद ही यूनिवर्सल बुनियादी आय (यूबीआई) योजना को लागू किया जा सकता है। हालिया, आर्थिक समीक्षा में इस योजना के बारे में सुझाव दिया गया है। भारतीय प्रबंधन संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के विद्यार्थियों को कल यहां संबोधित करते हुए सुब्रमणियम ने कहा कि यूबीआई को लागू करने की लागत इतनी ज्यादा होगी कि इसे पहले से चल रहे कार्यक्रमों के साथ लागू नहीं किया जा सकता है। सरकार इस अतिरिक्त बोझ को नहीं उठा सकेगी।

गरीबों का सुधार करना है असल मकसद
उन्होंने कहा कि यूबीआई योजना के पीछे मकसद गरीबों का सुधार करना है। सरकार  समाज कल्याण के कार्यक्रमों पर पहले ही काफी पैसा खर्च करती है, लेकिन यह लक्षित समूह तक नहीं पहुंच पाता है। सुब्रमणियम ने कहा कि सरकार के लक्षित वर्ग तक पहुंचने की समस्या का निदान इस नई योजना से हो सकता है। यूबीआई इस समस्या के निदान का बेहतर तरीका हो सकता है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि देश में किसी नए कार्यक्रम को लागू करना काफी आसान हो सकता है लेकिन पहले से चल रहे कार्यक्रमों को वापस लेना कठिन है।

विचार-विमर्श के बाद होगा लागू
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने सुझाव दिया कि गरीबों के सुधार और उन्हें मूलभूत आय उपलब्ध कराए जाने के लिए यूबीआई के नए विचार को काफी सराहा गया है लेकिन इसे इस तरह से लागू किया जाना होगा कि यह वहनीय बन सके। उन्होंने कहा कि लोगों को पहले से यदि कुछ मिल रहा है तो उसे वापस लेने पर काफी होहल्ला हो सकता है। आर्थिक सर्वेक्षण में सुब्रमणियम के इस प्रस्ताव को लेकर काफी चर्चा हुई थी कि क्या सरकार इसे लागू करेगी।  

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News