ट्रम्प का भारत पर दोहरा प्रहार, टैरिफ के बाद अब लगा दिया ये बड़ा बैन

punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 11:17 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका ने भारत पर आर्थिक दबाव बढ़ाते हुए एक और कड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद अब अमेरिका ने छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन कंपनियों पर आरोप है कि इन्होंने अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया। यह कार्रवाई अमेरिका की ईरान के तेल व्यापार पर सख्त नीति के तहत की गई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।

यह कार्रवाई अमेरिका द्वारा ईरान के ऊर्जा व्यापार पर लगाई गई पाबंदियों के तहत की गई है। अमेरिका का उद्देश्य ईरान पर दबाव बनाना है ताकि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को रोके। इस कदम के तहत दुनिया भर की कुल 20 कंपनियों को निशाना बनाया गया है, जिनमें 6 भारतीय कंपनियां शामिल हैं।

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क्या होगा असर?

इन पाबंदियों के तहत संबंधित कंपनियों की अमेरिका में संपत्तियां या अमेरिकी नियंत्रण वाली परिसंपत्तियां जब्त (फ्रीज) कर दी जाएंगी। इसके अलावा, यदि किसी अन्य कंपनी में प्रतिबंधित कंपनी की हिस्सेदारी 50% या उससे अधिक है, तो वह भी स्वत: ब्लॉक हो जाएगी।

किन कंपनियों पर लगा प्रतिबंध?

भारत की जिन कंपनियों पर पाबंदी लगाई गई है, उनके नाम हैं:

  • अलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड
  • ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड
  • जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड
  • रमणीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी
  • परसिसटेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड
  • कंचन पॉलीमर्स

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क्या है आरोप?

भारत की अलकेमिकल सॉल्यूशंस पर आरोप है कि उसने जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच 84 मिलियन डॉलर से ज्यादा के ईरानी पेट्रोकेमिकल आयात किए। इसी तरह ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड पर जुलाई 2024 से जनवरी 2025 के बीच ईरान से 51 मिलियन डॉलर से ज्यादा का मेथनॉल और दूसरे पेट्रोकेमिकल प्रोडक्ट खरीदे। जूपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड ने इस दौरान लगभग 49 मिलियन डॉलर का ईरानी सामान खरीदा।

रमणीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी पर 22 मिलियन डॉलर से ज्यादा का मेथनॉल और टोलुइन खरीदने का आरोप है। अमेरिका का आरोप है कि परसिसटेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच लगभग 14 मिलियन डॉलर का मेथनॉल आयात किया। इसी तरह कंचन पॉलीमर्स पर 1.3 मिलियन डॉलर से ज्यादा के ईरानी पॉलीथीन उत्पाद खरीदने का आरोप है। विदेश विभाग का कहना है कि इन पाबंदियों का मकसद कंपनियों को सजा देना नहीं है, बल्कि उनके व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाना है।"
 

 


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Content Writer

jyoti choudhary

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