पुलवामा हमले को लेकर ट्रेड वार जारी, अब सूरत के कपड़ा व्यापारियों का पाक को झटका

punjabkesari.in Monday, Feb 25, 2019 - 10:20 AM (IST)

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े मानव-निर्मित कपड़े के बाजार के निर्यातकों ने पाकिस्तान में कपड़े का निर्यात न करने का फैसला लिया है। सूरत के इन व्यापारियों ने यह फैसला पुलवामा हमले के विरोध में लिया है। इससे पाकिस्तान के 2 बड़े कपड़ा बाजारों की हालत खराब हो जाएगी। लाहौर का पाकिस्तान-आजम कपड़ा बाजार और कराची का लखनऊ बाजार पूरी तरह सूरत से आने वाले आयात पर निर्भर करता है। सूरत की साडिय़ों, पोलिस्टर फैब्रिक, लहंगे और दुपट्टों का पाकिस्तान में बहुत बड़ा बाजार है। लाहौर और कराची के इन बाजारों में कई दुकानों ने तो बोर्ड लगा रखा है कि उनके यहां सूरत से माल आता है। इसी के दम पर ग्राहक उनके पास कपड़े खरीदने आते हैं।

PunjabKesari

विदेशी कंपनियां भी भारत के पक्ष में
सूरत की कंपनियों के साथ डील करने वाली विदेशी कंपनियों ने भी भारत का पक्ष लेते हुए पाकिस्तान में भारतीय माल सप्लाई करना बंद कर दिया है। सूरत के लक्ष्मीपति ग्रुप के एम.डी. संजय सराओगी ने बताया कि उनकी कंपनी एक अमरीकी कंपनी द्वारा मैन्युफैक्चर किया गया फाइबर इस्तेमाल करती है। इसके बाद यह अमरीकी कंपनी हमारे बनाए कपड़ों को पाकिस्तान में सप्लाई करती है। जब हमने इस कंपनी से कहा कि वह पाकिस्तान में हमारा माल सप्लाई करना बंद करे तो वह तुरंत मान गई। कंपनी ने 2 दिन पहले पाकिस्तान में अपना सेल्स ऑफि स बंद किया है।

PunjabKesari

दोनों देशों के बीच बढ़ा है कपड़ों का व्यापार
सिंथैटिक एंड रेयॉन टैक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रोमोशन काऊंसिल (एस.आर.टी.ई.पी.सी.) के मुताबिक 2016-17 में भारत ने 887 करोड़ रुपए का मैन-मेड फैब्रिक एक्स्पोर्ट किया। 2017-18 में यह एक्सपोर्ट 958 करोड़ रुपए का रहा। 2018-19 में दिसम्बर तक यह एक्सपोर्ट घटकर 624 रुपए रह गया। अब यह और कम हो जाएगा। एस.आर.टी.ई.पी.सी. के चेयरमैन नरायण अग्रवाल ने बताया कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच टैक्सटाइल ट्रेड खत्म हो गया है। देश का टैक्सटाइल सैक्टर शहीद जवानों के साथ खड़ा है। हमें लगता है कि किसी भारतीय टैक्सटाइल व्यापारी को पाकिस्तान के साथ व्यापार नहीं करना चाहिए।

PunjabKesari

छोटे व्यापारी हो जाएंगे तबाह
साऊथ गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन (एस.जी.सी.सी.आई) देवकिशन मंघानी ने बताया, ‘‘सूरत के एक प्रतिनिधि दल ने पिछले साल पाकिस्तान के आजम और लखनऊ बाजारों का दौरा किया था। वहां पर बड़ी संख्या में दुकानदार हमसे सस्ती साडिय़ां, लहंगे और अन्य फैब्रिक खरीदते हैं और उसे ऊंचे दामों पर बेचते हैं। अगर हमने उन्हें कच्चा माल भेजना बंद कर दिया तो छोटे व्यापारी तो तबाह हो जाएंगे।’’


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News