बैंक लॉकर लेने का सोच रहे हैं? पहले पढ़ लें ये शर्तें और शुल्क
punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 03:06 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अपने कीमती गहनों, दस्तावेजों और अन्य निजी सामान की सुरक्षा के लिए बैंक लॉकर एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। बैंक यह सुविधा ग्राहकों को एक तय किराए के बदले देते हैं। हालांकि, लॉकर लेने से पहले इसके नियमों, शुल्क और आरबीआई की शर्तों को समझना जरूरी है।
क्या है बैंक लॉकर और कितना लगता है किराया?
बैंक लॉकर एक सुरक्षित सेफ डिपॉजिट बॉक्स होता है, जो बैंक के वॉल्ट में मौजूद रहता है। इसमें गहने, वसीयत, दस्तावेज, बांड, शेयर सर्टिफिकेट और पारिवारिक विरासत जैसी वस्तुएं रखी जा सकती हैं। छोटे शहरों में लॉकर का सालाना किराया 1,000 रुपए से शुरू होता है जबकि मेट्रो शहरों में बड़े लॉकर के लिए 10,000 रुपए तक देना पड़ सकता है। किराए पर GST अतिरिक्त लगेगा।
लॉकर लेने के लिए जरूरी शर्तें
- बैंक में सेविंग या करंट अकाउंट होना अनिवार्य है।
- कुछ बैंक खाते की न्यूनतम अवधि और बैलेंस की शर्त भी रखते हैं।
- कई बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की मांग करते हैं, जो लॉकर किराए के लिए गारंटी के रूप में लिया जाता है।
कितनी सुरक्षित है लॉकर सुविधा?
बैंक लॉकर उच्च सुरक्षा वाले वॉल्ट में रखे जाते हैं जहां 24x7 CCTV, बर्गलर अलार्म और गार्ड्स की निगरानी होती है। लॉकर खोलने के लिए ग्राहक और बैंक दोनों की चाबियों की जरूरत होती है। कुछ बैंक अब बायोमेट्रिक सिस्टम भी अपना रहे हैं।
हालांकि, अगर बैंक की गलती के बिना लॉकर में रखा सामान खराब या गायब हो जाए, तो बैंक जिम्मेदार नहीं होता। इसलिए लॉकर में रखे सामान का निजी बीमा कराना समझदारी है।
RBI के नियम क्या कहते हैं?
- सभी बैंकों को एक समान लॉकर एग्रीमेंट फॉर्म देना अनिवार्य है।
- ग्राहक को हर 5 साल में कम से कम एक बार लॉकर विजिट करना जरूरी है।
- 3 साल तक किराया न भरने पर बैंक लॉकर को तोड़ सकता है और सामान बेचकर बकाया वसूल सकता है।
- चोरी, आग या बैंक कर्मी की धोखाधड़ी के मामले में बैंक अधिकतम 100 गुना वार्षिक किराया (जैसे ₹5,000 किराया पर ₹5 लाख) तक मुआवजा देगा।
लॉकर में क्या नहीं रख सकते?
आरबीआई नियमों के अनुसार, लॉकर में नकदी, हथियार, विस्फोटक, नशीले पदार्थ, खराब होने वाली वस्तुएं और किसी भी तरह का अवैध सामान रखना सख्त मना है।
कैसे करें लॉकर का उपयोग?
लॉकर का उपयोग केवल बैंक के कामकाजी समय में किया जा सकता है। कुछ बैंक साल में 12 विजिट्स फ्री देते हैं, इसके बाद हर बार के लिए अतिरिक्त शुल्क (₹100+GST) लिया जाता है। चाबी खोने की स्थिति में ग्राहक को लॉकर तोड़ने और नई चाबी का खर्च उठाना होता है।