1 मई से सेटेलाइट टोल सिस्टम लागू होने की खबरों पर सरकार का बड़ा बयान

punjabkesari.in Friday, Apr 18, 2025 - 05:40 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः इन दिनों मीडिया में जोर-शोर से यह चर्चा हो रही है कि सरकार 1 मई 2025 से मौजूदा FASTag सिस्टम को खत्म कर सैटेलाइट बेस्ड टोल प्रणाली लागू करने जा रही है। इन खबरों पर अब खुद सरकार ने सफाई दी है और इन्हें पूरी तरह से फर्जी बताया है।

कोई नया नियम लागू नहीं हो रहा

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि 1 मई से कोई नया टोल सिस्टम लागू नहीं किया जा रहा है। मंत्रालय ने मीडिया में चल रही खबरों को खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा FASTag आधारित टोल वसूली प्रणाली ही जारी रहेगी।

क्या है सरकार की योजना?

सरकार का लक्ष्य है कि टोल प्लाजा पर गाड़ियों की आवाजाही बिना रुकावट हो। इसके लिए सरकार कुछ चयनित टोल प्लाजा पर एक बैरियर-लेस टोल कलेक्शन सिस्टम का परीक्षण कर रही है, जिसमें दो तकनीकों को जोड़ा गया है:
ANPR (Automatic Number Plate Recognition): यह तकनीक वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करती है।
FASTag (RFID आधारित सिस्टम): यह आपके FASTag वॉलेट से ऑटोमैटिक टोल कटौती करता है।

क्या होगा नियम न मानने पर?

अगर कोई वाहन चालक नियमों का पालन नहीं करता है, तो उन्हें ई-नोटिस जारी किया जाएगा, समय पर भुगतान नहीं करने पर FASTag निलंबित किया जा सकता है, अन्य जुर्माने भी लगाए जा सकते हैं।

क्या होता है फास्टैग?

फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपनेआप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है।

फास्टैग के इस्तेमाल से वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रूकना नहीं पड़ता है। टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में कमी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।-


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Content Writer

jyoti choudhary

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