DeepSeek को लेकर इंफोसिस CEO नीलेकणी का बड़ा बयान, जानें क्या कहा?
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 02:13 PM (IST)

बिजनसे डेस्कः इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि ने कहा कि भारत को चीन की AI कंपनी DeepSeek को लेकर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि अब छोटे स्तर पर विकसित किए गए भारतीय AI मॉडल्स को स्केल-अप करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। नीलेकणि ने कहा, “हमें इसलिए नींद नहीं खोनी चाहिए कि किसी और ने AI मॉडल बना लिया है। भारत ने Indian AI Mission के तहत छोटे AI मॉडल बनाए हैं, अब जरूरत है उन्हें स्केल करने की।”
भारत में AI अपनाने की रफ्तार होगी तेज़
नीलेकणि ने कहा कि भारत में पिछले 15 वर्षों में डिजिटल तकनीक में जो प्रगति हुई है, उसकी वजह से यहां AI को अपनाने की रफ्तार दुनिया के अन्य देशों की तुलना में तेज़ होगी।
उन्होंने कहा, "2015-16 के आसपास जब आधार और UPI जैसी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर आई, तो भारत तकनीकी रूप से अधिक सक्षम हो गया।" उन्होंने बताया कि पहले स्मार्टफोन का इस्तेमाल सिर्फ कम्युनिकेशन और एंटरटेनमेंट तक सीमित था लेकिन अब भारत में लोग फोन पर नौकरी ढूंढेंगे, दस्तावेज़ और सरकारी लाभ भी फोन पर ही मिलेंगे।
भारत बनेगा 'AI यूज केस कैपिटल'
नीलेकणि ने कहा कि जैसे-जैसे भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 900 मिलियन तक पहुंचेगी, मोबाइल डिवाइस काम की दुनिया को पूरी तरह बदल देंगी। उन्होंने कहा, मोबाइल की भाषा हिंदी या अंग्रेजी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि हर प्रमुख भारतीय भाषा में इंटरफेस उपलब्ध होगा। मोबाइल पर इंटरफेस टाइपिंग और टच से आगे बढ़कर वॉयस और वीडियो आधारित होगा।
जनरेटिव AI और reasoning क्षमता के चलते स्टैटिक जानकारी की जगह डायनामिक और कांटेक्स्टुअल जानकारी उपलब्ध होगी। नीलेकणि का मानना है कि इन सब कारणों से भारत दुनिया का AI यूज केस कैपिटल बन सकता है।