जल्द कम हो सकती हैं आटे और गेंहूं की कीमतें, सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

punjabkesari.in Tuesday, Feb 21, 2023 - 08:58 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्र ने मंगलवार को गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को और कम करने के लिए खुले बाजार में अतिरिक्त 20 लाख टन गेहूं की बिक्री की घोषणा की। इसके साथ ही सरकार ने अनाज के थोक मूल्य में नरमी आने के साथ आटा मिलों को दरों में कटौती करने को कहा। केंद्र ने 25 जनवरी को गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में तेजी पर काबू पाने के लिए अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की घोषणा की थी। मंगलवार को जारी एक सरकारी बयान के अनुसार, सरकार ने फैसला किया है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 20 लाख टन अतिरिक्त गेहूं खुले बाजार में लायेगा। यह स्टॉक ई-नीलामी के माध्यम से आटा मिलों/निजी व्यापारियों/थोक खरीदारों/गेहूं उत्पादों के निर्माताओं को बेचने के लिए होगा।

सूत्रों ने कहा कि गेहूं के स्टॉक को खुले बाजार में बेचने का प्रस्ताव मंत्रियों के एक समूह ने लिया था। बयान में कहा गया है, ‘‘अब तक 50 लाख टन (30+20 लाख टन) गेहूं को ओएमएसएस के तहत बेचने का फैसला किया गया है। 20 लाख टन गेहूं की अतिरिक्त बिक्री के साथ आरक्षित मूल्य में कमी करने जैसे फैसले से उपभोक्ताओं के लिए गेहूं और गेहूं के उत्पादों के बाजार मूल्य में कमी लाने में मदद मिलेगी।'' केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने हाल ही में हुई ई-नीलामी के दूसरे दौर में स्टॉक के उठाव की समीक्षा करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) तथा आटा मिलों / विभिन्न संघों / महासंघों / सूजी उत्पाद निर्माताओं के प्रतिनिधियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक की। बयान में कहा गया है कि आटा मिलों को गेहूं के बाजार मूल्य में कमी के अनुरूप आटा और अन्य उत्पादों की कीमतों में कमी लाने की सलाह दी गई है।

खाद्य मंत्रालय ने कहा कि ओएमएसएस नीति की घोषणा के बाद गेहूं और आटे की कीमतें कम हुई हैं, लेकिन जनवरी, 2023 में महंगाई का आंकड़ा तीन महीने के उच्चतम स्तर 6.52 प्रतिशत पर बना हुआ था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को प्रमुख शहरों में गेहूं की औसत कीमत 33.15 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि आटे (गेहूं का आटा) की औसत कीमत 37.63 रुपये प्रति किलोग्राम थी। पिछले महीने सरकार ने ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी। 30 लाख टन में से, एफसीआई आटा मिलों जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेच रहा है तथा दो लाख टन गेहूं, राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को बेच रहा है।

गेहूं को आटे में बदलने के लिए तीन लाख टन गेहूं संस्थानों और राज्य-सार्वजनिक उपक्रमों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। थोक उपभोक्ताओं के लिए ई-नीलामी के दो दौर में लगभग 13 लाख टन गेहूं बेचा गया है। एफसीआई 22 फरवरी को होने वाली तीसरी ई-नीलामी के दौरान 11.72 लाख टन गेहूं की बिक्री करेगी। पिछले सप्ताह मंत्रालय ने उचित और औसत (एफएक्यू) गुणवत्ता वाले गेहूं का आरक्षित मूल्य घटाकर 2,150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया, जबकि गुणवत्ता में छूट वाले (यूआरएस) गेहूं के लिए इसे 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। ये नए आरक्षित मूल्य ई-नीलामी के जरिये गेहूं के तीसरे दौर की बिक्री से लागू हैं।

इसके अलावा, एनसीसीएफ/नेफेड/केन्द्रीय भंडार/राज्य सरकार सहकारी समितियों/महासंघों के साथ-साथ सामुदायिक रसोई/धर्मार्थ संस्थाओं/गैर-सरकारी संगठनों आदि को गेहूं बेचकर उसे आटा बनाने के लिए गेहूं की दर घटाकर 21.50 रुपये प्रति किलो कर दी गई है और फिर उपभोक्ताओं को 27.50 रुपये प्रति किलो की दर से बेचने को कहा गया है। कीमत पर नियंत्रण के लिए केंद्र ने पिछले साल मई में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। भारत का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया। पिछले साल के लगभग 4.3 करोड़ टन की खरीद के मुकाबले इस साल खरीद भारी गिरावट के साथ 1.9 करोड़ टन ही रह गई।

मौजूदा फसल वर्ष 2022-23 में खेती के अधिक रकबे और बेहतर उपज के कारण गेहूं का उत्पादन बढ़कर 11 करोड़ 21.8 लाख टन होने का अनुमान है। हालांकि, प्रमुख उत्पादक राज्यों में इस महीने के दौरान तापमान में वृद्धि फिर से कृषि वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के लिए चिंता का विषय बन गई है। सरकार ने सोमवार को तापमान में असामान्य वृद्धि और गेहूं की फसल पर इसके प्रभाव से उत्पन्न स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है और फसल को बचाने के लिए कृषक समुदाय को आवश्यक सलाह जारी की।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News