LPG सब्सिडी के नियम बदल सकती है सरकार, अमेरिका से आयात बना वजह
punjabkesari.in Tuesday, Dec 30, 2025 - 10:55 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार एलपीजी (LPG) सब्सिडी की गणना के मौजूदा फॉर्मूले में बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसकी बड़ी वजह सरकारी तेल कंपनियों द्वारा अमेरिका के एक्सपोर्टर्स के साथ एलपीजी सप्लाई के लिए किए गए सालाना करार हैं। अभी तक एलपीजी सब्सिडी की गणना सऊदी कॉन्ट्रैक्ट प्राइस (CP) के आधार पर होती रही है, जिसे वेस्ट एशिया से सप्लाई के लिए मानक दर माना जाता है।
अब सरकारी तेल कंपनियों के अधिकारी चाहते हैं कि सब्सिडी तय करने के फॉर्मूले में अमेरिका के बेंचमार्क प्राइस के साथ-साथ अटलांटिक महासागर के रास्ते आने वाले शिपमेंट पर लगने वाले भारी फ्रेट खर्च को भी शामिल किया जाए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से एलपीजी तभी भारत के लिए सस्ती साबित होती है, जब सऊदी CP के मुकाबले कीमत में इतनी ज्यादा छूट मिले कि महंगे शिपिंग खर्च की भरपाई हो सके। अमेरिका से एलपीजी मंगाने का शिपिंग खर्च सऊदी अरब से आने वाले शिपमेंट की तुलना में करीब चार गुना ज्यादा है।
पिछले महीने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अमेरिका से सालाना 2.2 मिलियन मीट्रिक टन एलपीजी आयात के लिए एक साल का टर्म कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट साल 2026 के लिए होगा और भारत के कुल सालाना एलपीजी आयात का करीब 10 फीसदी हिस्सा है। इससे पहले अमेरिका से एलपीजी की खरीद स्पॉट मार्केट के जरिए की जाती थी। यह पहला मौका है जब भारत ने अमेरिका से एलपीजी सप्लाई के लिए टर्म कॉन्ट्रैक्ट किया है।
सरकार यह तय करती है कि सरकारी तेल कंपनियां घरेलू बाजार में एलपीजी किस कीमत पर बेचेंगी। बाजार भाव से कम दाम पर सिलेंडर बेचने से होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार सब्सिडी के जरिए करती है। ऐसे में नए फॉर्मूले के लागू होने से एलपीजी सब्सिडी के हिसाब-किताब में बदलाव संभव है।
दिल्ली में क्या हैं मौजूदा रेट?
राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत फिलहाल 853 रुपए है, जिसमें आखिरी बार 8 अप्रैल को बदलाव किया गया था। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 300 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। वहीं, 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1580.50 रुपए है, जिसकी दरों की समीक्षा ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को करती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें इस समय करीब 62 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई हैं। भारत अपनी कुल एलपीजी जरूरत का लगभग 60 फीसदी आयात करता है।
