टाटा संस ने दिए संकेत, कोर्ट की निगरानी में कंपनी से अलग होगा मिस्त्री परिवार

punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 01:03 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः टाटा संस ने गुरुवार को कहा कि उसे शापूरजी पालोनजी (SP) ग्रुप से अभी कोई ऐसी सूचना नहीं मिली है कि वे कंपनी से अलग हो रहे हैं। इस मामले में अभी उन्हें औपचारिक सूचना का इंतजार है। मिस्त्री परिवार और टाटा ग्रुप के बीच 2016 से ही कड़वाहट चल रही है। 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाने के बाद दोनों ग्रुप का मतभेद कोर्ट तक पहुंच चुका है।

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70 साल पुराना कारोबारी रिश्ता खत्म 
हालांकि हाल ही में टाटा संस के गिरवी शेयर बेचे जाने के मामले में शापूरजी पालोनजी ग्रुप के खिलाफ टाटा संस फिर अदालत गई। टाटा संस ने कहा था कि अगर शापूरजी पालोनजी फंड की कमी की वजह से टाटा संस के शेयर गिरवी रखना चाहती है तो वे शेयर खरीदने को तैयार हैं। कोर्ट ने यह प्रस्ताव मान लिया और शापूरजी पालोनजी ग्रुप को टाटा संस के शेयर पहले कंपनी को ही बेचने को कहा। इसी के साथ टाटा संस और शापूरजी पालोनजी की 70 साल पुराना कारोबारी रिश्ता खत्म हो रहा है।

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28 अक्टूबर को होगी सुनवाई 
गुरुवार को टाटा संस ने संकेत दिए कि मिस्त्री परिवार कोर्ट की निगरानी में टाटा संस से अलग होगा और इस मामले में अभी तक मिस्त्री परिवार की तरफ से कोई सूचना नहीं मिली है।टाटा संस ने कहा कि वह अदालत की कार्यवाही फिर से शुरू होने का इंतजार करेंगे। इस मामले में अदालत की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होने वाली है।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शापूरजी पालोनजी ग्रुप और सायरस मिस्त्री को 28 अक्टूबर तक टाटा संस के शेयर गिरवी रखने या ट्रांसफर करने से रोक दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस और शापूरजी पालोनजी ग्रुप को 28 अक्टूबर तक उन शेयरों के मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया, जिन्हें पहले ही गिरवी रखा जा चुका है। इस मामले में अब 28 अक्टूबर को आगे सुनवाई होगी। शापूरजी पालोनजी ग्रुप के पास टाटा संस के 18.37 प्रतिशत शेयर हैं। शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने कहा था कि टाटा संस उसके फंड जुटाने की कोशिश में अड़चन डालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और यह अल्पसंख्यक शेयरधारक के अधिकारों का हनन है।


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jyoti choudhary

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