छोटी कारों को कड़े ईंधन दक्षता मानकों से छूट देने का टाटा मोटर्स ने किया विरोध

punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 06:05 PM (IST)

नई दिल्लीः अग्रणी वाहन निर्माता टाटा मोटर्स ने छोटी पेट्रोल कारों को कड़े कॉरपोरेट औसत ईंधन दक्षता (कैफे) मानकों से छूट देने का विरोध करते हुए कहा है कि इससे देश में टिकाऊ एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकी पर आधारित मॉडल, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का विस्तार प्रभावित होगा। टाटा समूह की कंपनी ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजे पत्र में कहा है कि भविष्य की प्रौद्योगिकियों में नवाचार और सीधे उन्नत प्रौद्योगिकी को अपनाने की क्षमता अब भारत में दिखने लगी है और यात्री कारों में ईवी की हिस्सेदारी करीब पांच प्रतिशत तक पहुंच गई है। 

कंपनी ने इस पत्र में कहा, “हम यह कहना चाहते हैं कि 909 किलोग्राम तक वजन वाली, 1200 सीसी से कम इंजन क्षमता और 4,000 मिलीमीटर से कम लंबाई वाली पेट्रोल कारों को इन मानकों से छूट देने का प्रावधान, टिकाऊ प्रौद्योगिकी अपनाने पर फोकस को कमजोर कर सकता है।” कैफे मानक एक वाहन कंपनी के सभी मॉडल की औसत ईंधन दक्षता और कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए तय किए जाते हैं। इनका उद्देश्य वाहन कंपनियों को इलेक्ट्रिक और अन्य स्वच्छ प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। 

टाटा मोटर्स ने इस बात को लेकर आगाह किया कि वाहन के वजन के आधार पर छूट देने से वाहन कंपनियां आवश्यक सुरक्षा सुविधाओं की कीमत पर वजन कम करने के लिए प्रोत्साहित हो सकती हैं। इससे पिछले कुछ वर्षों में वाहन सुरक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति पर असर पड़ सकता है। कंपनी ने सरकार से अपील की है कि कैफे मानकों के तहत रियायत देने के उद्देश्य से आकार या वजन के आधार पर कारों की कोई विशेष श्रेणी न बनाई जाए। 

सरकार ने अप्रैल 2027 से मार्च 2032 के बीच यात्री वाहनों की ईंधन खपत और कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए कैफे मानदंडों के मसौदा नियम जारी किए हैं। प्रस्तावित ढांचा कंपनियों के लिए सख्त समग्र लक्ष्य तय करता है, जबकि छोटी पेट्रोल कारों को कुछ राहत देने का प्रावधान भी करता है। टाटा मोटर्स ने कहा कि वाहन की किसी विशेष उप-श्रेणी को मानकों से छूट देने से ईवी जैसे विकल्प अपनाने की जरूरत कम हो जाती है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News