टर्किश एयरलाइंस की लापरवाही से फ्लाइट में टूटा सितार, 9 साल बाद मिला हर्जाना

punjabkesari.in Sunday, Oct 27, 2019 - 12:25 PM (IST)

भोपाल: टर्किश एयरलाइंस की लापरवाही के कारण अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सितार वादक स्मिता नागदेव का सितार टूटने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने 9 साल बाद हर्जाना दिलाया। फोरम ने कहा कि सितार के वजन के हिसाब से पीड़िता को 20 डॉलर प्रति किलो की दर से हर्जाना दिया जाए।

 

क्या है मामला
शिकायतकर्त्ता स्मिता नागदेव ने बताया कि उसे 24 जुलाई 2008 को स्विट्जरलैंड में आयोजित एक इंटरनैशनल फैस्टीवल में परफॉर्म करना था। इसके लिए उसने 20 जुलाई 2008 को दिल्ली से ज्यूरिख के लिएटर्किश एयरलाइंस से टिकट बुक किया था। परफॉर्मैंस के लिए वह खुद अपना सितार भी ले जा रही थी। एयरलाइन कम्पनी ने उसे अपना सितार एयरक्राफ्ट में रखने नहीं दिया, उन्होंने इसे लगेज बॉक्स में रख दिया। ज्यूरिख पहुंचने पर जब एयरलाइन कम्पनी ने उसे सितार सौंपा तो वह पूरी तरह से टूट चुका था। जब उसने इसकी शिकायत की तो उन्होंने कुछ भी सुनने से मना कर दिया।

 

अगले दिन उसे परफॉर्म करना था। उसने वहां अपने सितार को रिपेयर कराने की भी कोशिश की लेकिन वे भी उसे सही नहीं कर पाए। मजबूरी में उसने अपने एक दोस्त से सितार मांगकर इंटरनैशनल फैस्टीवल में प्रस्तुति दी। इसके बाद स्मिता नेटर्किश एयरलाइंस को नोटिस भेज फाइनैंशियल, प्रोफैशनल और फिजिकल लॉस के एवज में 15,000 यूरो का दावा ठोका लेकिन एयरलाइंस कम्पनी ने 600 यूरो का चैक भेजा जिसे स्मिता ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया। उसने 9 जुलाई 2010 को जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया। इस मामले में टर्किश एयरलाइंस ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि सितार बहुत कम डैमेज हुआ था। हालांकि इस मामले में स्मिता की ओर से लगेज की कोई कीमत घोषित नहीं की गई थी।

 

यह कहा फोरम ने
उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष भारत भूषण श्रीवास्तव और सदस्य अनिल कुमार वर्मा व अलका सक्सेना ने फैसला सुनाते हुए एयरलाइंस कम्पनी को हर्जाना देने के आदेश दिए हैं। हालांकि टर्किश एयरलाइंस को यह हर्जाना राशि 20 डॉलर प्रति किलोग्राम की दर से सितार बॉक्स के वजन के हिसाब से चुकानी होगी। इसके अलावा मानसिक क्षतिपूर्ति व परिवाद व्यय के तौर पर 2 महीने के अंदर 5,000 रुपए चुकाने होंगे।


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Seema Sharma

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