70 लाख रोजगार पैदा कर सकती है स्क्रैपिंग पॉलिसी, ऑटो सेक्टर को मिलेगी रफ्तार
punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 04:24 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बड़ा विजन साझा किया है। उन्होंने कहा कि अगर देशभर की 97 लाख अनुपयोगी और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियां स्क्रैप कर दी जाएं, तो सरकार को 40,000 करोड़ रुपए जीएसटी का राजस्व मिल सकता है। साथ ही इस कदम से करीब 70 लाख नए रोजगार सृजित होंगे और भारत अगले पांच सालों में दुनिया का नंबर वन ऑटोमोबाइल हब बन सकता है।
स्क्रैपिंग पॉलिसी की मौजूदा स्थिति
भारत की वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी (V-VMP) पुराने और असुरक्षित वाहनों को हटाने के लिए लाई गई थी लेकिन इसकी प्रगति अब तक धीमी रही है। अगस्त 2025 तक केवल 3 लाख गाड़ियां स्क्रैप हुई हैं, जिनमें से 1.41 लाख सरकारी थीं। फिलहाल हर महीने औसतन 16,830 गाड़ियां ही कबाड़ में जा रही हैं। निजी क्षेत्र ने इस इकोसिस्टम को बनाने में अब तक ₹2,700 करोड़ का निवेश किया है। गडकरी ने ऑटो कंपनियों से अपील की है कि वे स्क्रैपेज सर्टिफिकेट लाने वाले ग्राहकों को नई गाड़ियों पर कम से कम 5% छूट दें, ताकि पॉलिसी को गति मिल सके।
सस्ते पुर्जे और प्रदूषण पर असर
गडकरी का कहना है कि सही तरह से स्क्रैपिंग लागू करने से ऑटो कंपोनेंट्स की लागत 25% तक घटेगी, क्योंकि स्क्रैप से मिलने वाला स्टील, एल्युमिनियम और अन्य धातुएं फिर से सप्लाई चेन में लौटेंगी। इससे प्रदूषण में कमी, ईंधन की खपत में गिरावट और सड़क सुरक्षा में सुधार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत हर साल ₹22 लाख करोड़ पेट्रोल-डीजल आयात पर खर्च करता है, जो टिकाऊ नहीं है।
एथेनॉल और ऊर्जा सुरक्षा पर फोकस
गडकरी ने कहा कि भारत का मौजूदा ऑटो सेक्टर ₹22 लाख करोड़ का है, जबकि चीन और अमेरिका क्रमशः ₹47 लाख करोड़ और ₹78 लाख करोड़ पर हैं। लेकिन भारत जल्द ही इन्हें पीछे छोड़ सकता है।
सरकार एथेनॉल उत्पादन और ब्लेंडिंग पर जोर दे रही है। देश E20 से E27 मिश्रण की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि ब्राजील पिछले 49 सालों से 27% एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल पर चल रहा है, और भारत भी इस दिशा में सफल हो सकता है। गडकरी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण, ईंधन आत्मनिर्भरता और सड़क सुरक्षा ही भारत को मजबूत बनाएंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दे हैं।